दोस्तो आज के समय में इंसान को डाइबिटीज होना एक आम बात हो चुकी है। लेकिन दोस्तो हमें डाइबिटीज़ होने के बारे मे जानकारी कैसे होगी हम कैसे जानेंगे कि हम कैसे डाइबिटीज़ के संपर्क में आगये है इसके लिये दोस्तो डाइबिटीज़ होता क्यों है और इसके बारे में कैसे जानेंगे आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम इस विषय से संबंधित सबकुछ जाने का प्रयास करेंगे साथ ही साथ इलेक्ट्रो होम्योपैथी में शुगर की दवा के बारे में भी जानेंगे तो Electro homeopathy treatment of Diabetes in Hindi के बारे में जाने के लिए बने रहें हमारे साथ अंत तक।
डाइबिटीज़ कितने प्रकार का होता है?
डाइबिटीज़ दो प्रकार के होते है
लो शुगर डाइबिटीज़ - इसमें आपके शरीर मे ग्लूगोज की मात्रा कम होती है ।
हाई शुगर डाइबिटीज़ - इसमें आपके शरीर मे ग्लूकोज की मात्रा अधिक होती है ।
Pre Diabetes kya hai? प्री डाइबिटीज़ क्या होता है ?
लेकिन आपको डाइबिटीज़ होने से पहले प्री डाइबिटीज़ होता है लेकिन इसके लक्षण आपको नहीं दिख पाते है लेकिन आपको प्री डाइबिटीज़ के बारे मे पता करने ले लिये आपको शुगर किट का उपयोग करना पड़ता है और अगर आपको प्री डाइबिटीज़ हो गया है तो उसके लिए आपको नियमित जांच करवानी पड़ेगी ताकि अगर आपका शुगर लेवल कंट्रोल में रहे ।
लेकिन अगर अपने डॉक्टर को नहीं दिखाया और अपना प्री शुगर कंट्रोल नहीं कर पा रहे है तो आपको आगे चलकर डाइबिटीज हो जायेगा जिस कारण से मनुष्य कई सारे खाने वाली चीजों का त्याग करना पड़ता है और आपके कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है इसका कारण ये की अगर आप समय रहते हुये प्री डाइबिटीज को कंट्रोल नहीं करते है तो ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाने के कारण शरीर मे रक्त नसे खराब होने लगती है जिससे रेटिनोपैथी और ना जाने कितने प्रकार कि समस्या आ जाती है ।
Diabetes |
शरीर मे ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाने के कारण शरीर मे होने वाली बीमारियां -
- शरीर मे ग्लूकोज बढ़ जाने के कारण आपको किडनी संबंधित बीमारी होती है ।
- शरीर मे ग्लूकोज बढ़ जाने के कारण आपको आपको स्ट्रोक पड़ सकते है।
- शरीर मे ग्लूकोज बढ़ जाने के कारण आपके शरीर का मांस गलने लगता है ।
- शरीर मे ग्लूकोज बढ़ जाने के कारण आपको अगर आपके शरीर मे कोई चोट लग गयी है तो वो ठीक नहीं होती है ।
- शरीर मे ग्लूकोज बढ़ जाने के कारण आपको हदय संबंधित समस्याओं को समान करना पड़ता है।
- शरीर मे ग्लूकोज बढ़ जाने के कारण आपको पुराना फोड़ा शरीर के त्वचा में तकलीफ देने लगता है ।
- शरीर मे ग्लूकोज बढ़ जाने के कारण आपको कभी कभी हाई बीपी की संमस्याओ का सामान करना पड़ता है ।
- शरीर मे ग्लूकोज बढ़ जाने के कारण आपको आँखों की रोशनी में कमी महसूस करते है ।
दोस्तो अब हमें ये पता चल गया कि ये प्री डाइबिटीज़ से शरीर मे क्या नुकसान होता है लेकिन अगर आपको प्री - डाइबिटीज़ हो गया है तो फिर क्या करे जिससे आपको प्री - डाइबिटीज़ को कंट्रोल करे ।
अगर आपके वजन बहुत ज़्यादा है तो उसे कंट्रोल करिये उसके लिए एक्सरसाइज करिये ताकि आपके वजन को कंट्रोल किया जा सके। कई रिसचर्स में बताया गया है कि अगर आप अपने वजन को कंट्रोल करते है तो आप प्री - डाइबिटीज़ को कंट्रोल कर सकते है। मोटापे को कंट्रोल अगर 5 से 10 % भी कंट्रोल कर लेते है तो आपका प्री डाइबिटीज़ कंट्रोल हो जाता है।
शरीर मे लिपिड को कंट्रोल करने चाहिए ताकि प्री डाइबिटीज को कंट्रोल किया जा सके।
ह्रदय संबंधित बीमारी को कंट्रोल करने के लिये आपको शराब और धूम्रपान से बचना चाहिए।
काफी देर तक ना बैठे क्योंकि काफी देर तक बैठे रहने से आपका शरीर निष्क्रिय रहता है जिस कारण से शरीर में प्री-डाइबिटीज बढ़ जाता है तो इसके लिये हर सप्ताह में कम से कम 5 बार 30 मिनट तक तेज गति से चलना शुरू करे ताकि आपके शरीर में होने वाली गतिविधियां होने लगती है जिस कारण से आपका शरीर फिट रहता है और आपको प्री - डाइबिटीज़ का खतरा भी नहीं रहता है।
रोज आप तीनो समय सुबह , दोपहर ,रात्रि को भोजन करे इससे आपके शरीर को सही भोज्य पदार्थ चुनने मे और भोजन को कितना खाना है कितना नहीं खाना है इन सभी बातों के बारे में जानकारी हो जायेगी ।
अगर फिर भी आपको भूख लगती है तो कम वसा वाला भोजन ले जैसे चिप्स और कम शुगर वाला भोजन को चुनें जिससे आपका ग्लूकोज कंट्रोल रहेगा और आप प्री - डाइबिटीज से बचें रहेंगे।
जब भी आप भोजन करिये तो ऐसा भोजन करे जिसमें फाइबर की मात्रा ज्यादा हो और वसा की मात्रा कम ताकि आप मोटे होने की जगह फिट हो सके , वैसे ऐसे भोजन में आपको आटे से बनी ब्रेड , लाल चावल , भूरा चावल , बिना फ्राई किया हुआ नूडल और कम शुगर वाला खाना।
बहुत ज़्यादा फ्राई किये हुए भोजन से बचे जैसे तला हुआ चावल , सॉस में पकाया गया चावल , पास्ता या चावल में ग्रेवी और सॉस ना ही मिलाये तो ज़्यादा अच्छा रहेगा।
मांस वाले भोजन को खाने से बचें या कम वसा वाले भोजन को स्टीमिंग और शोरबा में परोसने या इसमें पकाये ।
बहुत ज़्यादा पकाया गया या तला हुआ या फिर तेल से सना हुआ भोजन खाने से बचें।
कम चिकनाई वाला दूध पिये या बिना वसा वाला भोजन जरूर ले
क्रीम वाली बिस्कुट , चिकन पाई , जैसे उच्च वसा वाला भोजम ग्रहण ना करे ।
हाइड्रोजनीकृत , वनस्पति वाले तेल और मर्जिरिन वाले भोजन को खाने से बचे क्योंकि इनमें वसा बहुत ज़्यादा होता है।*
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ज़्यादा सब्जियों और फलों को भोजन के रूप में ग्रहण करे।
फलों को खाये ना कि उनका रस पिये क्योंकि रस पीने से शुगर लेवल बढ़ता है ।
1 बारे में ज़्यादा फल ना खाये क्योंकि ये आपके शुगर लेवल को बिगाड़ देता है ।
ज़्यादा चीनी वाले भोजन को ग्रहण ना करें जैसा चीनी वाले पीने वाले पदार्थ , कोका कोला । ज्यादा चीनी वाले पदार्थ को खाने से आपका वजन ज़्यादा बढ़ जाता है।
बाहर जब भी खाने जाये चीनी वाले पदार्थ को ना कहना शुरू करे और हो सके तो अलग से सिरप पर परोसा जाने वाले भोजन को चुनें ।
कार्बोहाइड्रेट वाले भोजन को खाने से बचे क्योंकि कार्बोहाइड्रेट वाले भोजन को खाने से ग्लूकोज़ बढ़ जाता है जो की प्री डाइबिटीज होने के लिये बढ़ जाता है।
आपको प्रतिदिन 5 ग्राम से कम नमक का सेवन करना चाहिये ।
जितना हो सके शराब और धूम्रपान करने से बचें ।
आज कल मार्केट में बहुत सारे प्रोडक्ट बिक रहे है जिनमें शुगर फ्री होने का दावा किया जा रहा है ऐसे प्रोडक्ट को खरीदने से बचे ।