इलेक्ट्रो होम्योपैथी में अस्थमा या दमा की चिकित्सा
अस्थमा : कारण, लक्षण और उपचार Electro Homeopathy Treatment of Asthma
अस्थमा दमा जीवन में बदलाव, जनसंख्या में वृद्धि, के साथ सभी वस्तुओं के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है। परिणाम सभी शहरों में फैला प्रदूषण जीवन में जहर घोल रहा है। क्योंकि इस प्रकार का वातावरण किसी भी सजीव के अनुकूल नहीं होता प्रदूषित वातावरण का बेहद बुरा प्रभाव स्वसन तंत्र पर पड़ता है। जिसके कारण सांस लेने से संबंधित कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है पड़ सकता है।आज के इस लेख के माध्यम से जानेंगे अस्थमा के बारे में जिसे दमा भी कहा जाता है दमा में सांस लेने में तकलीफ होती है जब श्वासनली में सूजन हो जाती है तो इस सूजन के कारण श्वास नली थोड़ी सिकुड़ जाती है श्वास नली के इस प्रकार से सिकुड़ने से ऑक्सीजन ठीक प्रकार से फेफड़ों तक नहीं जा पाता है जिस वजह से सांस लेने संबंधी समस्या आती है। गर्दन में दर्द होने लगता है। खांसी तथा सीने में जकड़न हो जाती है।
अस्थमा ,दमा का कारण Causes of Asthma
दमा एक ऐसी समस्या है जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। दमा के कारण जब श्वास नलियों में सूजन हो जाती है तो दमा या अस्थमा का प्रभाव दिखाई पड़ता है।
अस्थमा या दमा होने के कई कारण हो सकते हैं
● हवा में फैले किसी केमिकल के कारण
● धूल कणों के संपर्क में आने के कारण
● किसी बीमारी में ली जा रही दवाओं के कारण
● अधिक व्यायाम के कारण
● धूम्रपान के कारण
● मोटापे के कारण
● एलर्जी के कारण
● तनाव के कारण
अस्थमा (दमा) का लक्षण Symptoms of Asthma
श्वसन क्रिया में बाधा
सीने में जकड़न एवं दर्द
सांस लेने में कठिनाई के साथ सांस फूलना
सोने में समस्या ,नींद न आना (सांस की कमी, खांसी या घरघराहट के चलते)
भोजन को निगलने के समय एक सीटी या घूमने वाली आवाज़ (बच्चों में यह अस्थमा का एक आम संकेत है)
खांसी या घरघराहट वाले अटैक जो श्वसन या फ्लू जैसे श्वसन वायरस से खराब हो सकते हैं
*दमा (अस्थमा) से बचाव*
दमा या अस्थमा के लक्षणों से अपने बखूबी समझा होगा कि यह कितनी कष्टदायक समस्या। अतः हम अगर पहले से ही अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना चाहते है तो जीवन मे कुछ नियमो के पालन के साथ ऐसी समस्या को अपने शरीर पर हावी होने से बचा सकते हैं। शरीर को फिट रखने के लिए नियमित ब्रह्ममुहूर्त में उठकर, खुले आसमान में कुछ समय चहलकदमी (मोर्निंग वॉक) करें, व्यायाम करें।
पौष्टिक आहार लें भोजन को कम मात्रा में और खूब चबा चबा कर ही खाएं
एक दिन में उतने ही आहार को 2-3 बार मे न ख़ा करके उसे 4-5 भागों में करें तो यह स्वस्थ की लिए अधिक लाभप्रद है,
हरी सब्जियों का सेवन जितना हो सके अधिक से अधिक करें।
फलों एवं हरी सब्जियों का जूस का लें
सोते समय गुनगुना पानी पीना अस्थमा के रोगी के लिए फायदेमंद है।
दमा की इलेक्ट्रो होम्योपैथिक चिकित्सा
*C1 और C13*
*VEN1*
*को नगेटिव डोज़ यानी 6th डायलुशन में प्रतिदिन 4 से 6 बार*
*S1*
*L1*
*P1*
*A3*
*BE*
*को 4rth डायलुशन में प्रतिदिन 4 से 6 बार*
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*Dose: 1बूँद दवा 10kg शारिरिक भार के अनुसार।*
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*दमा के दौरे के समय तत्काल:*
*C13,A1,P3,F1,BE का मिक्चर बनाकर छठवें डायलुशन में मुख द्वारा तुरन्त पिलायें।*
कुछ आराम हो जाने पर A2,C5,S5 ,BE का कम्प्रेस नगेटिव डोज़ में छाती पर लगवायें।*
A1,P1,S1,C5 एवं BE को 3rd डायलुशन या और नगेटिव डोज़ को नेबुलाइजर यंत्र में डालकर भाप दें।