पथरी क्या है कहां कहां होती है?

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पथरी क्या है, कहां कहां होती है, कैसे होती?


पथरी शरीर में होने वाली एक ऐसी समस्या है जो दुनिया भर के लोगों में देखी जाती है भारत के सभी प्रदेशों में इसके मरीज पाया जा रहे हैं क्योंकि खान-पान और जीवनशैली में बदलाव के कारण पथरी की समस्या आम हो गई है अक्सर सुनने को मिल जाता है कि फलां व्यक्ति को किडनी में पथरी हो गई है या पित्त की थैली में पथरी है। 


शुरुआत में पथरी में किसी भी प्रकार के लक्षण नहीं दिखाई देते हैं जब छोटे छोटे कणों के रूप में बनते हैं। परंतु धीरे-धीरे जब यह कण आपस में चिपक कर आकार में वृद्धि करते (बड़े होते) हैं तो पथरी होने के लक्षण भी धीरे-धीरे सामने आने लगते हैं। अक्सर शुरुआत में इसका पता नहीं चलता है या तब पता चलता है जब किसी अन्य समस्या के लिए जांच करवाते हैं।
पथरी का सही समय पर इलाज ना हो तो यह बहुत ही कष्टदाई समस्या हो सकती है इसलिए पथरी की समस्या से छुटकारा पाने के लिए जल्द से जल्द इसका उपचार करवाना चाहिए। इलेक्ट्रो होम्योपैथी, आयुर्वेद, होम्योपैथी, एलोपैथी आदि प्रचलित चिकित्सा पद्धतियों में पथरी का उपचार किया जाता है। इलेक्ट्रो होम्योपैथी की बात करें तो यह वनस्पतियों पर आधारित एक चिकित्सा विज्ञान है, जिसमें सभी प्रकार के रोगियों को ठीक करने की अद्भुत क्षमता है। 

हालांकि लोगों में जानकारी के अभाव में इलेक्ट्रो होम्योपैथी तक काफी देर से पहुंचते हैं जब सभी जगह से निराश हो जाते हैं। तब तक रोगी की स्थिति बहुत जटिल हो जाती है लेकिन कमाल की बात है कि ऐसी स्थिति में भी रोगी में इलेक्ट्रो होम्योपैथी की चिकित्सा के परिणाम इलेक्ट्रो होम्योपैथी मेडिसिन द्वारा जल्द ही मिलने शुरू हो जाते हैं अतः सभी को इस चिकित्सा पद्धति का लाभ लेना चाहिए।
आज की पोस्ट के माध्यम से पथरी के बारे में चर्चा की जा रही है जिसमें हम जानेंगे कि हमारे शरीर में पथरी कब, कैसे और कहां-कहां हो सकती है। 

पथरी कहां होती है?

पथरी हमेशा ऐसे स्थानों पर होती है जहां पर शरीर में बनने वाले रसायन, खनिज पदार्थ अधिक मात्रा में स्टोर होते हैं इस प्रकार से अधिक मात्रा में इकट्ठा हुए रसायन, खनिज पदार्थ आपस में जुड़कर पथरी का निर्माण कर सकते हैं 

आमतौर पर सभी लोग किडनी स्टोन (गुर्दे की पथरी) के बारे में या पित्त की थैली की पथरी पित्ताशय की पथरी के बारे में जानते हैं। 
लेकिन इसके अलावा भी निम्नलिखित अंगों में पथरी पाई जाती है।
  ● मुँह 

  ● गला 

  ● नाक 

  ● अग्नाशय 

  ● प्रोस्टेट ग्रंथि 

  ● आंत और 

  ● नसों में भी पथरी हो सकती है 

पथरी होने के कारण, पथरी क्यों होती है? 

हमारे शरीर में पथरी कई प्रकार से लापरवाही के कारण हो सकती है जिन लोगों में यह कारण होते हैं उनमें पथरी के जोखिम की संभावना अधिक रहती है। कुछ ऐसे कारण निम्नलिखित हैं।

खान-पान के कारण 

दोस्तों सभी परेशानियों की जड़ कहीं ना कहीं हमारे खान-पान से ही जुड़ी होती है लेकिन हम नई नई डिशों Recipies, Foods पेयों Liquid food, Drinks के स्वाद के वशीभूत होकर यह भूल जाते हैं कि किस चीज को कब और कितनी मात्रा में खाए या पिए।

रोज के खानपान में प्रोटीन का अधिक सेवन, नमक का अधिक सेवन, चीनी का अधिक सेवन, पथरी बनने का कारण हो सकता है। प्रोटीन से प्राप्त प्यूरिन शरीर में जाकर यूरिक एसिड में बदल जाता है जिस कारण यूरिक एसिड की पथरी हो सकती है।

अधिक नमक के सेवन से किडनी की पथरी हो सकती है क्योंकि अधिक नमक के सेवन के कारण किडनी के द्वारा अधिक मात्रा में कैल्शियम बना कर पेशाब के साथ निकालना पड़ता है जिससे पेशाब में कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाने के कारण कैल्शियम की पथरी बन सकती है। 

पानी कम पीने के कारण 

कम पानी पीने के कारण पथरी का होना एक मुख्य कारण है मनुष्य को स्वस्थ रखने रहने के लिए कम से कम रोजाना 3 से 4 लीटर पानी पीना चाहिए। क्योंकि पानी सभी प्रकार के टॉक्सिन्स, अपशिष्ट पदार्थ को शरीर से बाहर निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 

जब पानी कम पीते हैं तो शरीर में पानी की कमी हो जाती है जिससे पेशाब भी कम बनता है। ऐसा होने पर पेशाब में घुले खनिज पदार्थ कम पानी की स्थिति में आपस में जुड़ कर पथरी का निर्माण कर देते हैं। ऐसा गर्मियों में अधिक पाया जाता है क्योंकि गर्मियों में शरीर का पानी पेशाब के साथ-साथ पसीने के रूप में भी बाहर निकल जाता है और अगर फिर से शरीर में पानी से की संतुलित मात्रा ना पहुंचे तो पानी की कमी हो जाती है जो कि पथरी होने का एक कारण बनती है।

वजन की अधिकता के कारण 

सामान्य बीएमआई (BMI) से वजन जिन लोगों का ज्यादा होता है या उनकी कमर का आकार ज्यादा होता है उनमें नार्मल बीएमआई(BMI) वालो की अपेक्षा ज्यादा पथरी की संभावना रहती है। (पढ़े : बीएमआई (BMI) क्या है?


अन्य बीमारियों के कारण 

पहले अगर किसी समस्या से ग्रसित है तो किडनी में पथरी होने का जोखिम अधिक रहता है जैसे 

  ● रिनल ट्यूबलर एसिडोसिस Renal Tubeler Acidosis

  ● हाइपरथाइरोडिज़्म Hyperthyroidism

  ● मधुमेह Suger

  ● सिस्टिन्यूरिया Cystinuria

  ● गाउट Gout आदि 

कुछ दवाओं के कारण 

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कभी ना कभी हमें दवाओं की आवश्यकता पड़ती है और कई बार उनके रिएक्शन भी किन्हीं अन्य बीमारियों के रूप में देखने को मिल जाते हैं इसी प्रकार कुछ दवाओं के सेवन के कारण किडनी में पथरी हो सकती है।

  ● डिप्रेशन में दी जाने वाली दवाओं से 

  ● माइग्रेन में दी जाने वाली दवाओं से 

  ● विटामिन सी और कैल्शियम की गोली के कारण 

  ● जुलाब अधिक लेने के कारण 

पथरी कैसे होती है या पथरी कैसे बनती है या पथरी बनने के कारण 

मूत्राशय में पाई जाने वाली पथरी का निर्माण गुर्दे या किडनी में होता है जो बाद में पेशाब के माध्यम से खिसकते हुए मूत्रमार्ग के दूसरे अंगों जैसे युटेरस, मूत्राशय में प्रवेश कर जाती है। जब शरीर में पानी की कमी हो जाती है तो पेशाब में कुछ रसायन, कैल्शियम, फास्फेट, यूरिक एसिड, सिस्टीन नॉर्मल मात्रा से अधिक होने लगते क्योंकि पर्याप्त मात्रा में पेशाब ना बन पाने के कारण यह पदार्थ ठीक प्रकार से शरीर से बाहर ना जाकर अंदर ही छोटे-छोटे कणों के रूप में इकट्ठा होने लगते हैं।
जो अधिक होने पर आपस में चिपक कर आकार में वृद्धि कर लेते हैं।
कई बार कुछ कीटाणुओं के कारण भी पथरी का निर्माण होता है मनुष्य का पेशाब अम्लीय होता है लेकिन प्रोटियस (Proteus) जो उपापचय से पेशाब को क्षारीय बना देते हैं जिस कारण पेशाब में घुले हुए कुछ पदार्थ जैसे कैल्शियम, कार्बोनेट, अमोनियम, फास्फेट, मैग्नीशियम पेशाब से छनकर आपस में चिपक कर स्ट्रवाइट (Struvite) पथरी का निर्माण करते हैं।

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