चिकनगुनिया - कारण, लक्षण, निदान और उपचार Chikungunya: Causes, Symptoms, Diagnosis and Treatment
नमस्कार दोस्तों! आज के टॉपिक में मच्छर से फैलने वाली बीमारी चिकुनगुनिया को लिया गया है जिसमें हम जानेंगे चिकनगुनिया क्या है? चिकनगुनिया कैसे फैलता है? चिकुनगुनिया से कैसे बचाव किया जाए? और इलेक्ट्रो होम्योपैथी में इसके चिकित्सा में क्या-क्या दिया जा सकता है
(Chikungunya in hindi)
तो आइए जानते हैं चिकनगुनिया के बारे में, सबसे पहले दुनिया में चिकनगुनिया रोग को तंजानिया देश में सन 1952 में देखा गया था और उसके बाद सभी देशों में इसके प्रभाव का प्रसार हुआ। अगर भारत में इसकी बात की जाए तो भारत देश में इसकी पहचान 2007 में दिल्ली में की गई।
- चिकनगुनिया क्या है?
- चिकनगुनिया होता कैसे है?
- चिकनगुनिया होने के क्या कारण है?
- चिकनगुनिया के क्या लक्षण है?
- चिकनगुनिया से कैसे बचा जा सकता है।
- चिकनगुनिया में इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा
चिकनगुनिया मच्छरों से फैलने वाला संक्रमण है। चिकनगुनिया रोग का संक्रमण मच्छरों के काटने से मनुष्य में फैलता है। चिकनगुनिया एक ऐसी बीमारी या संक्रमण है जिसका अभी तक मॉडर्न साइंस में कोई भी टीका उपलब्ध नहीं है, हालांकि चिकनगुनिया कोई गंभीर समस्या नहीं है कुछ ही समय में देखरेख और दवाओं के सेवन से रोगी की अवस्था में सुधार आ जाता है और रोगी स्वस्थ हो जाता है।
Chikugunia treatment in Electro Homeopathy |
चिकनगुनिया के होने के क्या कारण हैं? What are the causes of Chikungunya?
चिकनगुनिया मच्छरों से फैलने वाला संक्रमण है जो कि एडीज इजिप्टी Aedes Aegypti और एडीज एलबोपिक्ट्स Aedes Albopictus प्रजाति के मादा मच्छरों के काटने के कारण होता है इस प्रजाति के यह मच्छर ज्यादातर दोपहर के वक्त काटते हैं यह मच्छर ज्यादातर बाहरी वातावरण में होते हैं। किंतु घर में भी हो सकते हैं।
चिकनगुनिया के लक्षण Symptoms of Chikungunya
चिकनगुनिया रोग में सामान्यता चिकनगुनिया के लक्षण 5 से 7 दिन तक रहते हैं, लेकिन जोड़ों में दर्द कई दिनों तक हो सकता है।
चिकनगुनिया के लक्षण निम्नलिखित हैं।
तेज बुखार चिकनगुनिया होने पर मुख्यता 102 डिग्री से 104 डिग्री फॉरेनहाइट तक होता है जो आमतौर पर 1 हफ्ते तक चलता रहता है चिकनगुनिया के लक्षण में अचानक से बुखार आने के साथ-साथ जोड़ों में अधिक दर्द होता है। (पढ़ें: इलेक्ट्रो होम्योपैथी के पौधे)
- चिकनगुनिया में शरीर में या हाथों पैरों में लाल चकत्ते पड़ जाते हैं जो कम या ज्यादा हो सकते हैं या नहीं भी हो सकते हैं।
- अन्य लक्षण - सिर दर्द
- मितली उल्टी
- मांसपेशियों में दर्द
- आंखों से पानी आना / दर्द होना
नोट - चिकनगुनिया कोई जानलेवा बीमारी नहीं है पर इसके लक्षण गंभीर हो सकते हैं कई बार यह देखा जाता है कि रोगी का बुखार तो 1 से 2 सप्ताह में खत्म हो जाता है, परंतु जोड़ों में दर्द कई महीनों तक हो सकता है या 1 वर्ष के बाद तक भी हो सकता है।
चिकनगुनिया एडीज इजिप्टी Aedes Aegypti और एडीज एलबोपिक्ट्स Aedes Albopictus मच्छर के काटने के कारण होता है यह दोनों प्रजाति के मच्छर दिन के उजाले में काटते हैं और बाहर रहते हैं हालांकि एडीज एलबोपिक्ट्स Aedes Albopictus मच्छर घर के भीतर भी काट सकता है। (पढ़े: मच्छरों से होने वाले रोग)
चिकनगुनिया से बचाव कैसे करें How to prevent Chikungunya
चिकनगुनिया रोग के होने के मुख्य कारण मच्छर हैं अतः इस समस्या को से दूर रहने के लिए हमें अपने आप को मच्छरों से दूर रखना पड़ेगा या मच्छरों से काटने से बचाना होगा।
उसके लिए निम्न तरीके अपनाने होंगे
- हमें अपने शरीर को अच्छी तरह कवर कर रखना चाहिए।
- शर्ट, पैंट पूरी बांह के पहनना चाहिए
- घर या बाहर गड्ढे, नाली, छत आदि में पानी जमा नहीं होने देना चाहिए
- कूलर का पानी बदलते रहना चाहिए।
- खिड़की दरवाजों में नेट फ्रेम लगाकर बाहर से आने वाले मच्छरों को रोकना चाहिए।
- अपने आप को हाइड्रेट रखना चाहिए
- सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए
चिकनगुनिया में टेस्ट
चिकनगुनिया की पहचान के लिए ब्लड की जांच करवाई जाती है। (पढ़ें डेंगू क्या है)
चिकनगुनिया में इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा
S1+ F1 +C4 + YE ― D4 to D30
C5 + S5 + BE ― D4 to D30
F2 + WE ― Compress
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