'डी' स्केल क्या है ? इलेक्ट्रो होम्योपैथ या होम्योपैथ?
हमारे ऊपर होम्योपैथ होने का दावा ठोकने वालो को यह नहीं पता कि वह किस स्केल का प्रयोग कर है ? इलेक्ट्रो होम्योपैथी के लोगों को गुमराह करने की लोगों ने कमर कस ली है । कांप्लेक्स मेडिसिन S4 , S8 ,C7 ,P6 आदि के प्रयोग न करने की सलाह देते । दूसरी ओर खुद L3 व अन्य कांप्लेक्स मेडिसिन तैयार करते हैं । एक तरफ यह कहते कभी थकते नहीं इलेक्ट्रो होम्योपैथी में केवल 38 मेडिसिन और 114 पौधे प्रयोग की बात बार-बार कह कर उसके गौरव को ऊंचा नहीं करते बल्कि नीचा करते हैं । किसी पैथी में जितनी अधिक मेडिसिन होती है वह उतनी ही शक्तिशाली मानी जाती है।
प्रमाण आपके सामने हैं बायोकेमिक में मात्र 12 मेडिसिन होने के कारण ही उसे अलग पैथी का दर्जा नहीं मिला । बायोकेमिक को होम्योपैथ में शामिल कर लिया गया है । यदि लोग यही राग अलापते रहे तो वह दिन दूर नहीं जब इसे होम्योपैथ में शामिल कर इसके अस्तित्व को ही खत्म कर दिया जाएगा ।
अपना जवाब कमेंट बॉक्स में अवश्य दें: मेरा आपसे सवाल है कि जब प्लांटों में इलेक्ट्रिसिटी होती है और वह पौधा जब किसी मेडिसिन में पड़ता है (जैसे F1, A1, A2, A3 आदि में) तो उसमें इलेक्ट्रिसिटी क्यों नहीं होती ? लेकिन जब वही पौधा किसी तरल नामक औषधि इलेक्ट्रिसिटी)में पड़ता है। तो उसमें इलेक्ट्रिसिटी कहां से आ जाती है? ?
हम बात कर रहे थे डाइल्यूशन की इलेक्ट्रो होम्योपैथिक जगत में आजकल हर व्यक्ति के जवान पर D डाइल्यूशन होता है न तो लोग D का मतलब समझते हैं और न ही इसको बनाना जानते है । डायलूशन के मामले में अधिकांश लोग गुमराह है विशेषकर नई पीढ़ी के लोग ।
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What is 'D' Scale |
कोई सलाह देता है 450 ml मे 30 ml डाल दो D4 बन जाएगा । इस विषय में कोई एकमत नहीं है । इनकी बाते एक दूसरे से मेल नहीं खाती है और न किसी स्केल से मेल खाती है। इसी कारण और लोगो को भ्रम हो रहा है । लोग प्रैक्टिस में असफल हो रहे है।
डायलूशन बनाने का एक स्केल होता है उसके आधार पर यदि डाइल्यूशन बनेंगे तो अच्छा काम करेंगे डायलूशन बनाने पर बहुत रिसर्च किए गए हैं। होम्योपैथी में उसके परिणाम सामने है।
यदि एक डायलूशन से काम चल जाता तो होम्योपैथी में D, C, LM CM, DM, MM , DMM आदि कई तरीके के डायलूशन बनाने की आवश्यकता क्यों पड़ती ? हमारे यहां इलेक्ट्रो होम्योपैथी में तो ऐसे ऐसे साइंटिस्ट हैं जिनका कहना है कि केवल D4 से ही सब कुछ हो जाएगा न उसके आगे डाइल्यूशन चलाइए न उसके पीछे डालूशन चलाइए ।
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अब हम बात करते हैं D डायलूशन की यह होम्योपैथी में प्रयोग होने वाला डायलूशन है। इसका अनुपात 1 : 9 होता है । D का अर्थ दसमलव से है इसे X भी कहते हैं इसे होम्योपैथिक Dr. Constantine Hering ने बनाया था । इनका जीवन काल (1800-1880) तक रहा है । यह जर्मनी में पैदा हुए थे बाद में USA चले गये थे । 1835 ई0 में इसमें पुनः होम्योपैथिक डॉक्टर ने सुधार किया गया था ।
यहां हम एक बात स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि डाइल्यूशन बनाना गणित का विषय है। इसे किसी पैथी से जोड़कर नहीं देखना चाहिए जिस तरीके से डायलूशन प्रयोग करोगे आपको रिजल्ट मिलते ही रहेंगे उसमें कोई कमी नहीं आएगी लेकिन अच्छी प्रैक्टिस के लिए कई प्रकार के डायलूशनो की आवश्यकता होती है।
अधिकतर डायलूशनो की खोज काउंट सीजर मैटी के समय में होम्योपैथी में हो चुकी थी इसीलिए सीजर मैटी ने एक ऐसा रास्ता चुना जो होम्योपैथी से अलग रास्ता था अर्थात सैमुअल हैनीमैन ने डाइल्यूशन बनाने के लिए Centesimal scale स्केल को चुना तो सीजर मैटी ने लगभग Half Centesimal ( 1 : 47 ) scale को चुना ।
आज इलेक्ट्रो होम्योपैथी है लगभग Half Centesimal लगभग समाप्त हो गया है और लोगों ने D स्केल पर दवाइयां देना शुरू कर दिया है । हमने एक स्टडी में पाया है कि D की दवाइयां अच्छी तो है और कारगर भी है लेकिन प्रॉब्लम वहां है जहां लोग केवल D4 के आसपास की दवाइयां चलाते है।
यदि सीजर मैटी के सिस्टम से डायलूशन बनाए जाए तो निश्चित ही 5 डाइल्यूशन में ही बहुत सी बीमारियां चेक हो सकती हैं। उन्होंने इसमें कुछ विशेषता सोच कर ही इस डायलूशन का निर्धारण किया था।
इस प्रकार हम देखते हैं कि आज हम D डायलूशन का प्रयोग कर होम्योपैथिक डायलूशन का ही प्रयोग कर रहे हैं और इलेक्ट्रो होम्योपैथी के डायलूशन को छोड़ रहे है।
नोट
(1) विभिन्न प्रकार के डायलूशनो का विस्तृत वर्णन " कोहोबेशन " की पुस्तक में मिलेगा जो लिखी जा रही है।
(2) D स्केल होम्योपैथी में प्रयोग होने वाला स्केल है जिसे जर्मन डॉक्टर ने बनाया था ।
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