ब्लड प्रेशर के कारण व उपचार
रक्तचाप या ब्लड प्रेशर क्या है? What is Blood Pressure?
हमारे शरीर में सामान्यत: रक्त एक निश्चित दाब पर बहता है इस दाब को ही ब्लड प्रेशर कहते हैं। सामान्यत: यह 120/80 mmHg होता है। इसे ही रक्तचाप कहते हैं।
ब्लड प्रेशर के प्रकार Types of Blood Pressure
ब्लड प्रेशर मुख्य रूप से दो प्रकार से होता है।
प्राइमरी रक्तचाप (Primary Blood Pressure)
इस रक्तचाप के कारण अभी तक स्पष्ट रूप से मालूम नहीं हो सके लेकिन इतना पता चला है यह कभी भी उच्च हो सकता हैं और कभी भी निम्न हो सकता है।
भय , चिंता, क्रोध, वातावरण आदि अनेक कारण से यह उच्य या निम्न होकर प्रभावित करता है।
सेकेंडरी रक्तचाप (Secondary Blood Pressure)
यह रक्तचाप किसी दूसरी बीमारी के कारण होता है।
जैसे किडनी, थायराइड, डायबिटीज, प्रोस्टेट, इन्डाइजेशन, कॉन्स्टिपेशन , मेंटल डिजीज, मोटापा ,अनियमित दिनचर्या आदि अनेक कारण हैं जिनसे रक्तचाप प्रभावित हो जाता है। कभी बढ़ जाता है कभी घट जाता है।
रक्तचाप या ब्लड प्रेशर के कारण Causes of Blood Pressure
- धमनी तथा शिराओं का लचीलापन कम होते जाने के कारण ।
- धमनी तथा शिराओं में वसा का जमाव हो जाने से सकरा हो जाने के कारण।
- हार्ट के वॉल पर खराब हो जाने के कारण
- मल मूत्र सही ढंग से पास आऊट न होने के कारण।
- डर भय चिंता के कारण।
- मानसिक बीमारी के कारण।
- हार्मोन असंतुलित होने के कारण।
- अधिक भार होने के कारण ।
- अधिक सोडियम लेने के कारण
- गर्भावस्था के कारण।
- धमनिया तथा शिराएं अधिक फैल जाने के कारण।
- पोटेशियम की मात्रा असंतुलित होने के कारण
- मादक पदार्थों ( चरस शराब धूम्रपान आदि) के सेवन करने के कारण।
- स्ट्राइड आदि दवाई लेने के कारण।
- परिवारिक हिस्ट्री होने के कारण
ब्लड प्रेशर के लक्षण Symptoms of Blood Pressure
शुरुआती दौर में ब्लड प्रेशर का कोई भी लक्षण पता नहीं चलता है इसीलिए इस बीमारी को साइलेंट किलर (छुप कर मौत देने वाली ) कहते हैं।
जब ब्लड प्रेशर अधिक बढ़ जाता है तब पता चलता है वह भी जब ब्लड प्रेशर नापा जाता है। वर्ना एक चिकित्सक भी पहली बार में पता नहीं लगा पाता है।
ब्लड प्रेशर अधिक बढ़ जाने पर इसके लक्षण निम्न प्रकार से आते हैं:-----
- नाक से खून आना।
- आंखें लाल हो जाना।
- सिर में दर्द होना।
- चक्कर आना ।
- सीने में दर्द व भारीपन हो जाना।
- यूरिन में रक्त आना।
- खून की उल्टी होना।
- धुंधला दिखाई देना।
ब्लड प्रेशर का शरीर पर प्रभाव
- मेमोरी कमजोर हो जाना
- हार्ट अटैक पडना।
- आंखों की रोशनी धुधली वा नष्ट हो जाना।
- गुर्दे खराब हो जाना ।
- एन्यूरिज्म बन जाना।
- पूरे शरीर में रक्त की सप्लाई अनियमित हो जाना।
- शरीर कमजोर और दूसरी बीमारियों से ग्रसित हो जाना।
बचाव तथा उपचार
बचाव
- संतुलित भोजन करना
- वसा का कम प्रयोग करना।
- नियमित व्यायाम करना।
- रात में पर्याप्त नींद लेना।
रक्तचाप या ब्लडप्रेशर में उपचार Treatment in Blood Pressure
जिस कारण से ब्लड प्रेशर प्रभावित है उस कारणों को हटा देना प्रथम उपचार है
उदाहरण के लिए यदि मोटापा के कारण बीपी बढा रहता है तो मोटापा कम करना पड़ेगा। डायबिटीज के कारण बीपी बढा रहता है तो डायबिटीज कंट्रोल करना पड़ेगा। इसी तरीके से अन्य बहुत से कारण हैं वह समाप्त करना पड़ेंगे ।
वख्ती रिलीज के लिए इलेक्ट्रो होम्योपैथी में बहुत सी औषधियां हैं जिनसे बीपी कंट्रोल किया जा सकता है, लेकिन जब तक मुख्य कारण समाप्त नहीं होगा बीपी समाप्त नहीं होगा ।
A ग्रुप की सभी औषधियां बीपी कंट्रोल करती हैं। C5 बीपी कंट्रोल करता है। इलेक्ट्रिक सिटी बीपी कंट्रोल करती हैं। आप इन औषधियों का कोई भी कांबिनेशन उचित डायलूशन में दे सकते हैं।
S ग्रुप की औषधियां भी बीपी कंट्रोल करती हैं जिसमें S2 S5, S6 S10 , S11 आदि का रोल अच्छा है।
L2 के रोल को भी नकारा नहीं जा सकता है ।
- ब्लड प्रेशर क्या है, ब्लड प्रेशर कैसे होता है, बचाव के लिए क्या करना चाहिए?
- गायनेकोमैस्टिया में इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा Electro homeopathy treatment of Gynecomastia
- बहरे होने का संकेत देते हैं ऐसे लक्षण हो जाएं सावधान
- इलेक्ट्रोहोम्योपैथी मान्यता संबंधी विशेष सूचना एवं अपील