डिस्टल वाटर में डायलूशन Dilution in distill water
इलेक्ट्रो होम्योपैथिक जगत में बहुत कम लोग है जो डाइल्यूशन बनाना जानते हैं हालांकि फार्मेंसी का काम में चिकित्सकों का यह काम नहीं है लेकिन फिर भी चिकित्सकों को डायलूशन बनाने की जानकारी होना चाहिए।
ज्यादातर लोग यह जानते हैं कि डायलूशन RS में बनाए जाते हैं जब उनके सामने डिस्टल वाटर में डायलूशन बनाने की बात आती है तो उन्हें बड़ा अचम्भा होता है। इसलिए आज हम डाइल्यूशन बनाने की जनरल बात करते हैं डाइल्यूशन मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं:---
(A) द्रव (लिक्विड)
इसके अंतर्गत डायलूशन दो प्रकार के आते हैं
(1) अल्कोहल में डाइल्यूशन
एल्कोहल में बनाए गए डाइल्यूशन अच्छी किस्म के माने जाते हैं क्योंकि गोलियों में डालने से जिसमें गोलियां बहुत ही नहीं है और सेम कार में बनी रहती है। इस डायलूशन को गोलियों और पानी में डालकर वितरित किया जा सकता है इसमें एक गंध होती है जो कभी-कभी लोगों को पसंद नहीं आती है ।
(2) डिस्टल वाटर में डायलूशन
डिस्टिल वाटर में बनाए गए डायलूशन भी एल्कोहल में बनाए गए डायलूशन जैसे ही होते हैं। उनमें कोई फर्क नहीं होता है एक जैसा ही कार्य करते हैं लेकिन इस डायलूशन में ग्लोबूल्स घुल जाते हैं। इसलिए इसे गोलीयों में नहीं डाला जाता है। इस डाइल्यूशन का वितरण पानी और सीरप में किया जा सकता है । यह डायलूशन अपेक्षा कृत सस्ते होते हैं ।
(B) ठोस (सोलिड)
यह विधि उपरोक्त दोनों विधियों की अपेक्षा कठिन और महंगी होती है। इसमें डायलूशन को सुगर आफ मिल्क में मिलाकर मशीन से गोलियां बनाई जाती है यह गोलियां ही डायलूशन का काम करती हैं । उदाहरण के रूप में बायोकेमिक औषधियों को देखा जा सकता है।
नोट:---
(1) डिस्टिल्ड वाटर में बनी औषधियों की ड्रॉप के रुप में डिस्पेंसिंग की जा सकती है।
(2) बच्चे और बड़े सभी वह आसानी से ले सकते हैं क्योंकि इसमें तीक्ष्णता नहीं होती है।
(3) कोई कानूनी अड़चन इसमें नहीं आती है।