Use of high dilution in medicine – चिकित्सा में उच्च डायलूशन की उपयोगिता
अच्छे चिकित्सक के पास निम्नलिखित चीजों की आवश्यकता होती है:---
(1) अच्छा ज्ञान
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एक चिकित्सक के पास अपने विषय का अच्छा नॉलेज होना चाहिए । ज्यादातर देखने आता है कि एक पैथी का चिकित्सक दूसरी पैथी में रुचि लेने लगते हैं। जबकि उन्हें उस विषय का कोई नॉलेज नहीं होता है । फल स्वरूप न वे इधर के रह जाते न उधर के रह जाते हैं। ऐसा उन लोगों के साथ में होता है जिन्हें आपने ऊपर विश्वास नहीं होता है।
हमने कई चिकित्सको को देखा है जो आज इलेक्ट्रो होम्योपैथी में अनुसंधान करने के बड़े-बड़े दावे करते हैं । वह या तो पहले होम्योपैथ से जुड़े रहें और या फिर नेचुरोपैथी से जुड़े रहे हैं। एम.डी. आदि करके वह इलेक्ट्रो होम्योपैथी में आ गए है कभी-कभी ऐसे भी हुआ हैं
कि इलेक्ट्रो करने के बाद में कुछ चला चला या नहीं तो नेचुरोपैथी योगा आदि में चले गए वह भी नहीं चला तो फिर इलेक्ट्रो होम्योपैथी में आ गए । इस तरीके से उनका नालेज कहीं का परिपक्व नहीं होता है। ऐसे चिकित्सक हमेशा अंधकार में ही डूबे रहते हैं और दूसरों को भी डूबाते रहते हैं।
उच्च डायलूशन की उपयोगिता |
जिस विधा में चिकित्सक ट्रेन्ड शिक्षित और रजिस्टर्ड है उसे उसी विधा में उसे कार्य करना चाहिए तभी वह सफल हो सकता है।
कार्य में सफलता का राज है कड़ी मेहनत दूर दृष्टि पक्का इरादा ।
(2) अच्छा व्यवहार
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चिकित्सक का व्यवहार रोगी के प्रति सरल कोमल और सुखदाई होना चाहिए रोगी चिकित्सक के पास जाते यह महसूस करें कि मैं ठीक हो जाऊंगा किसी अच्छे डॉक्टर के पास मैं पहुंच गया हूँ। औषधि बनाते समय चिकित्सक का ध्यान औषधि बनाने में इस तरीके से लगा होना चाहिए कि रोगी यह समझे कि डॉक्टर साहब मेरा बहुत ध्यान रखते हैं ।
(3) अच्छी औषधियां
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चिकित्सकों चाहिए कि अपने चिकित्सालय में उच्च कोटि की औषधियां रखें ताकि चिकित्सक को औषधियों पर पूरा विश्वास बना रहे। हमारे पास हर दूसरे तीसरे दिन फोन कॉल आते रहते हैं जिसमें यह पूछा जाता है कि "किसकी की औषधियां अच्छी हैं" मैंने कभी किसी की औषधियां प्रयोग नहीं किया । मैं कैसे बता दूं कि अमुक फार्मा की औषधियां अच्छी है। मैं किसी औषधि निर्माता का नाम कभी नहीं बताता हूँ । मैंने अपनी औषधियां बनाई है और उन्हीं से प्रैक्टिस की है। हमें अपनी औषधियों पर पूरा पूरा विश्वास है। यदि कोई औषधि फेल होती है तो मैं उसका कारण जानता हूँ उसे ठीक करने का प्रयास करता हूँ ।
जब तक मैं अपनी औषधियों का ट्रायल सौ पचास लोगों पर नहीं कर लेता हूँ तब तक मैं उसे फील्ड में नहीं उतरता हूँ ।
(4) अच्छे डायलूशन
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जहां अच्छी औषधियां चिकित्सालय में आवश्यक है वही औषधियों के उचित डायलूशन भी चिकित्सालय में होना चाहिए क्योंकि उचित डायलूशन न होने के कारण पेशेंट को इलाज देने में काफी दिक्कत आती है। आज के समय में लोगों के मस्तिष्क में पूरी तरीके से D4 बैठ गया है। D4 डायलूशन का प्रत्येक चिकित्सक ने माला पहन रखा है । इसके आगे वह कुछ सुनना भी नहीं चाहता है।
इसका कारण यह है सस्ती लोकप्रियता प्राप्त करने के लिए लोगों ने यूट्यूब चैनल पर बहुत सारे वीडियोस विभिन्न तरीके से डाल रखे हैं। जिन्हें लोग सुनते हैं और सच मानते हैं । डायलूशन के विषय में 90% लोग गुमराह है। इसका कारण यह है कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी की शिक्षा देने वाले लोग स्वयं इलेक्ट्रो के विषय में नहीं जानते। इसलिए दूसरों को गुमराह करते हैं। अपने थोड़े से लाभ के लिए दूसरे की रोजी रोटी से खिलवाड़ करना अच्छी बात नहीं है।
यदि एक डायललूशन से काम चल जाता तो " होम्योपैथिक चिकित्सा " करने वाले डॉक्टर भी अपने क्लीनिक पर केवल एक ही डायलूशन रखते उनके यहां विभिन्न तरीके के डायलूशनों की जो रेंज होती है। इसकी आवश्यकता नहीं होती ।
इस विषय में हमारे विद्वान चिकित्सक लोग तर्क देते हैं कि वह सिंगल मेडिसिन की पैथी है इलेक्ट्रो होम्योपैथी कांप्लेक्स मेडिसिन की पैथी है यह उससे ज्यादा प्रभाव कारी है । मैं भी मानता हूँ। लेकिन जब आप उचित डायलूशन प्रयोग करेंगे।
डायलूशन बनाने का एक सिद्धांत होता है और यह सिद्धांत "सूक्ष्म चिकित्सा जगत" में पूरी दुनिया में लगभग एक ही जैसा है लेकिन भारत में चतुर इलेक्ट्रो होम्योपैथ के ज्ञानी डाइल्यूशन बनाने के अलग सिद्धांत बना रखे है जिसके कारण औषधियों में एकरूपता नहीं है । इनका मानना है कि मेरे सिद्धांत को हर चिकित्सक फालो करें जिससे मेरा नाम इतिहास में अमर हो जाए । इसी अमरता की होड में इलेक्ट्रो होम्योपैथिक जगत के भोले भाले चिकित्सक परेशान है ।