Cold Cough - Hindi मौसमी सर्दी, जुकाम, खांसी
मौसम के बदलाव के चलते नवंबर मास के आगमन के साथ ही ठंड का प्रभाव धीरे धीरे बढ़ता जा रहा है यह मौसम 15 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान होने के कारण सभी प्रकार के बैक्टीरियों को पनपने में एक अहम भूमिका निभाने वाला होता है। इस प्रकार के बदलते हुए मौसम में संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है ऐसे में लोग सर्दी खांसी जुकाम से पीड़ित होने लगे हैं अधिक मात्रा में खांसी आने से अन्य समस्याएं भी बढ़ने लगती हैं जैसे गले में दर्द, सूजन, सर दर्द व बुखार भी हो जाता है हालांकि या कोई अत्यधिक गंभीर समस्या नहीं है। सर्दी से बचाव के घरेलू उपाय से सामान्यता एक से 2 सप्ताह में समाप्त हो जाता है।
जुकाम फैलता कैसे हैं।
जुकाम की समस्या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से हो सकती है।
लगातार संपर्क में रहने वाले लोगों से समूह में सर्दी आसानी से फैलती है जैसे कि परिवारों में, या स्कूल जाने वाले बच्चों में यह संक्रमण सर्दियों में अधिक होता है हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि ऐसा क्यों है।
संक्रमित व्यक्ति के छींकने से सर्दी के वायरस हवा में तैरने लगते हैं जो किसी व्यक्ति के इन्हेल करने (सांस लेते वक्त) उस व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और उसे संक्रमित कर देते हैं।
संक्रमित बूंदों से दूषित किसी वस्तु , सतह को छूने के बाद उन्हीं हाथों से आंख मुंह नाक को छूने से भी व्यक्ति को सर्दी जुकाम की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
Electro Homeopathic treatment |
सर्दी जुकाम के लक्षण
सर्दी जुकाम के चपेट में आने के कुछ दिन बाद ही निम्न लक्षण दिखाई पड़ते हैं-
नाक का बंद हो जाना
बलगम बनना
गले में खराश ,घबराहट होना
खांसी होना
नाक से पानी बहना
आवाज भारी होना
सर दर्द होना
खांसी जुकाम सर्दी की इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा
P1/P4+F1+A3+ BE+C13+Ver1- D6 10 बून्द गुनगुने पानी के साथ
P4+BE की गोलियां