इलेक्ट्रो होम्योपैथिक व होम्योपैथिक औषधि मे अंतर व समानता
इलेक्ट्रो होम्यो पैथी और होम्यो पैथी में कई अंतर समानताएं होती हैं उन्हें हम निम्न प्रकार से समझने का प्रयास करेंगे:---
(A) अंतर
(1) नाम मे अंतर
जैसा कि आपको पता है दोनों के नाम में अंतर है पहले होम्यो पैथी की खोज डॉक्टर हनीमैन ने किया था जो स्वयं एलोपैथ के चिकित्सक थे । उन्होंने दूसरी चिकित्सा पद्धतियों में जो कमी समझी थी उसे दूर करने के लिए इस नई पैथी का आविष्कार किया था इस पैथी का नाम उन्होंने होमियोपैथी रखा था
डॉक्टर हनीमैन के समकालीन ही इटली में सीजर मैटी हुए थे उन्हें चिकित्सा शास्त्र से बड़ा प्रेम था वे चिकित्सा का उपयोग जनसेवा के लिए करते थे हालांकि वे चिकित्सक नहीं थे परंतु उस समय के चिकित्सा सिद्धांतों में में उन्हें भी कमियां मिली थी। इसलिए उन्होंने एक नई चिकित्सा पद्धति तैयार की जो होम्योपैथी से अधिक सरल व लाभदायक थी । इसका नाम उन्होंने इलेक्ट्रो होम्योपैथी रखा था क्योंकि यह होम्यो पैथी की अपेक्षा अधिक शीघ्रता से काम करती थी और कई दवाओं को एक साथ मिलाकर दी जा सकती थी। यहां आपको बताते चलें कि शुरुआत में होम्योपैथी में केवल एक ही दवा दी जाती थी कांप्लेक्स सिद्धांत नहीं था जबकि इलेक्ट्रो होम्यो पैथी में शुरू से ही कांप्लेक्स सिद्धांत था।
इलेक्ट्रो होम्योपैथिक व होम्योपैथिक औषधि मे अंतर व समानता |
(2) कार्य मे अंतर
क्योंकि होम्योपैथी में एक औषधि देने का पहले सिद्धांत था। इसलिए इनकी दवाएं कम काम करती थी। आज कल की बड़ी-बड़ी 30 , 200, 1000 आदि की पोटेंसी भी नहीं थी । 1,2,3,4, या एक्स में पोटेंसी होती थी । जो बहुत धीमें काम करती थी। क्रॉनिक पेशियन्ट बहुत देर में ठीक होते थे। होम्योपैथी में बहुत सारी दवाएं हैं जो केवल लक्षण और चिन्ह को रिमूव करती हैं लेकिन इलेक्ट्रो होम्योपैथी में इस तरह से कंपोजीशन तैयार किया गया है जो सम्पूर्ण आर्गन पर काम करने के साथ लक्षण और चिन्हों को भी समाप्त करता है ।
इस तरह दोनों चिकित्सा पद्धतियों की दवाओं के कार्य में अंतर है ।
(3) उत्पत्ति मे अंतर
जैसा कि हमने पहले बताया होम्योपैथी की उत्पत्ति जर्मनी से भी और इलेक्ट्रो होम्योपैथी का उत्पत्ति इटली से हुई
(4) औषधि के निर्माण में अंतर
होम्योपैथी की औषधियां शीत कषाय (फर्मेंटेशन) द्वारा मदर टिंचर (डिस्टिल वाटर+ एल्कोहल) तैयार कर आगे पोटेंसी डिवेलप की जाती है।
जबकि इलेक्ट्रो होम्योपैथी में फर्मेंटेशन (केवल डिस्ट्रिल मे) द्वारा एक प्रकार का मदर टिंचर तैयार कर आगे फिर कोहोबेशन करते हैं उसके बाद पोटेंसी तैयार होती है।
(B) समानता
(1) वितरण मे समानता
दोनों चिकित्सा पद्धतियों की दवाओं का वितरण एक ही जैसा होता है। इसलिए इनमें बहुत अधिक समानता होती है।
(2) नाम में कुछ समानता
दौनों चिकित्सा पद्धतियों के नाम में काफी समानता है इसीलिए पहले होम्योपैथी के लोग कहते थे कि यह हमारी चिकित्सा पद्धति है उन्होंने केवल इलेक्ट्रो शब्द जोड़ दिया है ☺️।
बाद में जब होम्योपैथी में कांप्लेक्स मेडिसिन का प्रचलन हुआ तो इलेक्ट्रो होम्योपैथी वाले कहने लगे कि इनकी कांप्लेक्स औषधियां इलेक्ट्रो होम्योपैथिक औषधियां हैं केवल इन्होंने इलेक्ट्रो शब्द हटा दिया है ☺️
दोनों चिकित्सा पद्धतियों की मूल औषधियों के रंग में एक जैसे ही होते हैं इसलिए इन्हें पहचानना बहुत कठिन होता है।
Note:
(1) पहले होम्योपैथी में रोगी को केवल एक दवा दी जाती थी । उसका लक्षण देखा जाता था उसके दूसरी दवा दी जाती थी । आज की तरह नहीं था कि किसी रोगी को बुखार हुआ खांसी आई दर्द हुआ तो उसे तीन दवाई दी जाए उस समय केवल एक दवा दी जाती थी बुखार की एकोनाइट। होम्योपैथी में बहुत बाद मे कांप्लेक्स सिद्धांत बहुत बाद में प्रचलित हुआ है। पहले नहीं था।
(2) होम्योपैथिक दवाई एग्री्वेट कर जाती है जिससे रोग बढ़ जाता है परंतु इलेक्ट्रो होम्योपैथी में ऐसा नहीं होता है यदि वे कोहोबेशन सिद्धांत से बनी है ।
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