What is Cell? - सेल या कोशिका क्या है?
इसको बायोलॉजी में साइटों कहते हैं। इसलिए इसके अध्ययन को साइटोलॉजी कहां जाता है। या सेल बायोलॉजी या स्टडी ऑफ सेल कहा जाता है। इसकी खोज रॉबर्ट हुक ने की थी ।उन्होंने पहली बार पेड़ की छाल की डेड सेल्स देखी थी। सबकी सेल्स अलग-अलग होती हैं।
यूनिसेल्यूलर जो कि एक कोशिकीय जीव होते हैं। जैसे अमीबा, बैक्टीरिया।
मल्टीसेल्यूलर बहुकोशिकीय जीव होते हैं ।जैसे पेड़ ,पौधे, जानवर, इंसान ।
कोशिका मानव शरीर की सबसे छोटी इकाई होती है ।सबसे पहले जीवित कोशिका की खोज एंटो निवान ल्यूवेन हाक ने की थी। सबसे छोटी कोशिका माइकोप्लाजमा की होती है। यह यूनिसेल्यूलर होता है तथा मानव में सबसे छोटी कोशिका स्पर्म की होती है। सबसे बड़ी कोशिका शुतुरमुर्ग के अंडे की होती है तथा मानव में सबसे बड़ी कोशिका ओवम की होती है ।
मानव में सबसे लंबी कोशिका न्यूरॉन में पाई जाती है। इसके अंदर कोशिका विभाजन नहीं होता है। एक कोशिका टूट कर दूसरी नई कोशिका नहीं बना सकती तथा सबसे तेज कोशिका विभाजन लिवर में होता है। लीवर में कोई भी नुकसान होने पर यह अपनी कोशिकाओं को विभाजित करके पुनः अपना निर्माण करने में सक्षम होता है।
Cell membrane इसको प्लाज्मा झिल्ली भी कहते हैं। यह पेड़ पौधों में और जीव-जंतुओं दोनों में पाई जाती है ।यह प्रोटीन का बना होता है। सेल के सभी पार्ट्स इसी झिल्ली में रहते हैं।
Cell wall इसको कोशिका भित्ति भी कहते हैं। यह केवल पेड़ पौधों में पाया जाता है। जीव जंतुओं में नहीं पाया जाता है। यह सेलुलोज से बना होता है ।पेड़ पौधों से बनने वाली सभी चीजों में सैलूलोज पा जाता है। जैसे कागज, कैप्सूल आदि। सेल वॉल का कार्य सुरक्षा तथा आकार प्रदान करना होता है।
Mitochondria इसको सूत्र कणिका कहते हैं। इसकी खोज अल्ट मैंन ने की थी। इसकी आंतरिक दीवार को हम कृष्टि कहते हैं ।इसका कार्य ऊर्जा को संचित करना होता है। जब हम सांस लेते हैं तब हिमोग्लोबिन ऑक्सीजन के माध्यम से सेल के अंदर जाता है। तथा शैल उसको माइटोकांड्रिया को दे देता है। यह एक चैन बनाता है जिसकी खोज क्रेप्स ने की थी। माइटोकांड्रिया के अंदर क्रेप्स चक्कर चलता है। एक क्रेप्स के अंदर एटीपी बनते हैं तथा 38 एटीपी मिलकर एक ग्लूकोस का निर्माण करते हैं। जिससे ग्लूकोस हमे ताकत देता है। इसलिए माइटोकॉन्ड्रिया को पावर हाउस भी कहा जाता है। यही माइटोकांड्रिया सेल के अंदर स्वसन क्रिया के साथ ऑक्सीजन सप्लाई का काम करती है।
Golgi body इसका का निर्माण कैमिलो गोल जी ने किया था। इसका कार्य पावर का ट्रांसपोर्टेशन करने का होता है। जैसे कोई ज्यादा पैदल चलेगा तो उसके पैरों को ज्यादा ऊर्जा की आवश्यकता होती है । जब कोई ज्यादा बोलता है तो उसका मुंह को ज्यादा ऊर्जा की आवश्यकता होती है। लेकिन हमारा शरीर प्रत्येक जगह ऊर्जा को बराबर बनाता है इसलिए शरीर के जिस भाग में ज्यादा ऊर्जा देनी होती है। वह परिवहन का काम हमारे सेल की गोल्जी बॉडी करता है।
Vacuoles इसको रसधानी भी कहते हैं ।हमारे शरीर में 65% हिस्सा पानी का होता है। जो कि पेट में नहीं बल्कि वह पानी कोशिका में भरा हुआ होता है। यह पानी वैक्यूल्स मैं भरा होता है। जीव जंतुओं का vacuoles छोटा होता है। तथा पेड़ पौधों का वैक्यूल्स बड़ा होता है। इसका कार्य पानी को स्टोर करना होता है।
Centrosome इसको तारक काय कहते हैं। इसकी खोज बोबरी ने की थी ।इसका कार्य कोशिका विभाजन का होता है। विभाजन का अर्थ तोड़ना नहीं बल्कि एक कोशिका को विभाजित करके दूसरी कोशिका में पुनर्निर्माण करना ।हमारे लिवर में कोशिका विभाजन ज्यादा होता है तथा हमारे ब्रेन में कोशिका विभाजन सबसे कम या ना के बराबर होता है। कोशिकाओं का जल्दी-जल्दी विभाजन ही ट्यूमर या कैंसर कहलाता है। कैंसर कोशिकाओं की अनकंट्रोल ग्रोथ होती है। ब्रेन में सैंटरोसोम नहीं पाया जाता है ।इसलिए ब्रेन में कोई क्षति पहुंचती है तो वह जल्दी से उसको ठीक नहीं कर पाता है। सबसे कम कोशिका विभाजन न्यूरॉन में होता है जो ब्रेन में पाया जाता है। लेकिन फिर भी लोगों को ब्रेन ट्यूमर हो जाता है। इसका कारण है कि ब्रेन में 90% न्यूरॉन पाए जाते हैं। जिसमें कोशिका विभाजन नहीं होता है। लेकिन इसी ब्रेन में 10% गिलियल सैल जाता है जिसमें कोशिका विभाजन होता है यही गिलीयल सैल जब कंट्रोल के बाहर विभाजित होने लगता है तो ब्रेन ट्यूमर या ब्रेन कैंसर होता है।
इसके अंदर होते हैं ।
Endoplasmic reticulum इसको अन्त द्रव्य जालिका भी कहते हैं। या ER कहते हैं। यह सेल के अंदर कंकाल की भांति कार्य करता है। यह आंतरिक सहायता देने का कार्य करता है। यह दो प्रकार की होती है ।
Smooth जिसका एक हिस्सा प्लेन होता है जिसे स्मूथ er कहते हैं तथा एक हिस्सा खुदरा होता है जिसे रफ er कहते हैं ।
स्मूथ वाला हिस्सा फैट का निर्माण करता है तथा रफ वाला हिस्सा प्रोटीन का निर्माण करता है। जो राइबोसोम करता है।
Ribosome इसकी खोज मिस्टर फेला डे ने की थी ।यह प्रोटीन का निर्माण करता है। इसको प्रोटीन की फैक्ट्री भी कहते हैं। राइबोसोम भी दो प्रकार का होता है। प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक ।
Nucleus इसको केंद्र कहते हैं। इसकी खोज मिस्टर राबर्ट ब्राउन ने की थी। इसको सेल का ब्रेन भी कहते हैं। इसके अंदर क्रोमोसोम पाया जाता है। क्रोमोसोम के अंदर डी एन ए ,आर एन ए या जीन पाया जाता है। इसमें प्रोटीन 80%, डीएनए 10% तथा बाकी 10% में अन्य तत्व पाए जाते हैं।
Lysosome इसकी खोज मि डी डूबे ने की थी। इसके अंदर हाइड्रो लाइटिक एंजाइम या जल अपघटन एंजाइम पाया जाता है। कोशिका के अंगों को जलाना या सफाई करने का काम करता है। अगर कोशिका का कोई अंग सही प्रकार से काम ना करें तो उस अंग में हाइड्रोलिटिक एंजाइम्स छोड़ कर उसे समाप्त कर देता है ।जब कोशिका के सभी अंग काम करना बंद कर देते हैं तब यह लाइसोसोम अपने आप को ब्लास्ट करके हाइड्रोलाइट एंजाइम अपने में से निकालकर पूरे सैल को खत्म कर देता है। जिस कोशिका के अंदर का lycosome फटता है वहीं कोशिका मर जाती है। इसको कोशिका के एटम बम भी कहते हैं। अगर यह ना हो तो कोशिका के अंग गलकर सड़ने लगते हैं। आरबीसी में लाइसोसोम नहीं पाया जाता है इसीलिए आरबीसी की लाइफ समाप्त होने पर इसकी मृत्यु स्प्लिन में होती है। इसलिए इनको आरबीसी का कब्रिस्तान भी कहते हैं।
Protoplasma यह जीव द्रव्य कहलाता है। यह कलरलेस होता है। यह दो प्रकार का होता है साइटोप्लाज्म जो कोशिका द्रव्य कहलाता है तथा न्यूक्लो प्लाज्म जो केंद्रित द्रव्य कहलाता है। इसमें 80% जल भरा होता है। इसमें एक पर्सेंट की कमी होने पर ही हमें प्यास लगने लगती है। यह कोशिका की भौतिक इकाई होती है।
Cilia and flagella यह केवल एनिमल सेल में पाया जाता है। यह बाल के समान स्ट्रक्चर होती है जो सेल के बाहरी हिस्से में पाया जाता है। यह पेड़ पौधों की कोशिकाओं में नहीं पाया जाता है। यह कोशिका को मूवमेंट प्रदान करने का काम करता है ।बड़े बॉल रुपी संरचना को flegullaतथा छोटे बालों की संरचना को cilia कहते हैं। यह दोनों स्पर्म को तथा कोशिका को आगे बढ़ने में गति प्रदान करते हैं।
Plastid इसको लवक भी कहते हैं ।यह केवल पेड़ पौधों में पाया जाता है। यह पौधों की सेल का सबसे बड़ा पार्ट होता है। जो तीन प्रकार का होता है।
क्लोरोप्लास्ट इसे हरित लावक कहते हैं ।यह पत्तियों में पाया जाता है। यह क्लोरोप्लास्ट फोटोसिंथेसिस या प्रकाश संश्लेषण के द्वारा ऊर्जा बनाता है। इसके अंदर क्लोरोफिल पाया जाता है तथा उसके अंदर मैग्नीशियम पाया जाता है। यह भोजन का निर्माण करता है।
Leucoplast यह किसी प्रकार के रंग को प्रदर्शित नहीं करता है। यह जड़ मूल में पाया जाता है। इसका कार्य भोजन को स्टोर करना होता है।
Chromoplast यह रंग को दर्शाता है ।जैसे गाजर का रंग कैरोटीन के कारण, चुकंदर का रंग bitanon के कारण, टमाटर का रंग लाइकोपीन के कारण, फलों का रंग जेंथोफिलके कारण होता है।
Chromosome इसको गुणसूत्र भी कहते हैं। यह कोशिका के केंद्रक में उपस्थित होता है। एक न्यूक्लियस में 46 क्रोमोजोम होते हैं। मानव में 46 का मतलब 23 पेयर होते हैं। क्रोमोसोम के अंदर डी एन ए ,आर एन ए और जिन होते हैं ।जो शरीर का निर्माण करता है। मेल और फीमेल के अंदर 44 क्रोमोसोम समान होते हैं तथा मेल में एक्स वाई तथा फीमेल में दो क्रोमोसोम एक्स एक्स पाए जाते है।
Prokaryotic यह अविकसित या प्रारंभिक कोशिका होती है। आकार में छोटी होती है। इसके अंदर मुख्य अंग ही पाए जाते हैं।
Eukaryotic यह बड़ी होती है। इसमें न्यूक्लियस पूरा विकसित होता है। तथा दोनों में डीएनए, दोनों में जीव द्रव्य होते हैं। दोनों में सेल वॉल पाई जाती है और दोनों में राइबोसोम भी पाया जाता है।
Vijay Dagar BEMS
Rakhi Yadav BEMS and acupressure therapist