Nebulizer use in Electro Homeopathy - नेबुलाइजर के प्रयोग में सावधानियां
नेबुलाइजर मशीन के प्रयोग में इलेक्ट्रोपैथी के चिकित्सकों को क्या क्या सावधानी ध्यान में रखना चाहिए इस पर प्रकाश डालने से पहले हमें कुछ उन चीजों पर भी प्रकाश डालना चाहिए जिस पर लोगों का मानना है कि यह चिकित्सकों ने नहीं निकाला है यह दूसरे लोगों की खोज है इसलिए पहले हम इसी विषय पर अध्ययन कर लेते हैं ।
स्टेथोस्कोप Stethoscope
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इस यंत्र की खोज फ्रांस के एक चिकित्सक ने की थी इनका नाम Rene Laennec था इनका जन्म 17 फरवरी 1781 ई0 में हुआ था और 3 अगस्त 1826 ई0 को इनकी मृत्यु हुई थी । यह एक मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर थे। टी.बी होने से इनकी मृत्यु हुई थी ।
सीरिंज की खोज
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इसका आविष्कार Colin Murdoch ने किया था यह पशु चिकित्सक थे इन्होंने ही ट्रेंकुलाइजर गन और डिस्पोजेबल सिरिंज की खोज की थी इनका जन्म 6 फरवरी 1924 को हुआ था और 4 मई 2008 को इनकी मृत्यु हुई ।
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नेबुलाइजर मशीन
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इस मशीन का अधिकतर प्रयोग फाइब्रोसिस अस्थमा सी.ओ.पी.डी. आदि में किया जाता है । इसकी खोज ओल्सन के द्वारा की गई है यह यंत्र दवा को सूक्ष्म कणों में बदल देता है जिसे आसानी व जल्दी से शरीर एब्जार्ब कर लेता है । सभी नेबुलाइजर लगभग एक ही सिद्धांत पर काम करते हैं ।
वैसे तो नेबुलाइजर लगाना एक साधारण सी बात है हॉस्पिटल में इसे मरीज स्वयं अपने आप लगा लेता है इसमें कोई टेक्निकल चीज नहीं है लेकिन जब इसका प्रयोग इलेक्ट्रो होम्योपैथिक चिकित्सक कर रहे हो तो इसमें विशेष सावधानी रखने की आवश्यकता है ।
(1) इलेक्ट्रो होम्योपैथिक औषधियों कभी-कभी एल्कोहल में बनी होती है इसलिए नेमुलाइजर के मेडिकल कप में दवा डालते समय ध्यान रखना चाहिए कि कहीं अल्कोहल युक्त मेडिसन तो नहीं डाला है ।
यदि मेडिकल कप में अल्कोहल की मात्रा ज्यादा होगी तो मरीज मे बेहोशी/ चक्कर /नशा होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है क्योंकि बहुत सारे लोग अल्कोहल का बिल्कुल प्रयोग नहीं करते है ।
(2) अल्कोहल अधिक होने के कारण नोज व गले की मेंब्रेन में तेज इरिटेशन हो सकता है ।
(3) अल्कोहल अधिक होने से आंखों से आंसू निकल सकते हैं ।
(4) अल्कोहल रहित दवा का प्रयोग करना अधिक उत्तम और सुरक्षित हैं ।
(5) 10 या 15 ml घोल से अधिक दवा नहीं नेमुलाइज करनी चाहिए ।
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(6) नेबुलाइजर लेते समय यदि कोई प्रॉब्लम होने लगे तो नेबुलाइजर तुरन्त रोक देना चाहिए प्रॉब्लम शांत हो जाएगी
(7) इलेक्ट्रो होम्योपैथी की पी ग्रुप के अतिरिक्त अन्य औषधियों को भी नेमुलाइजर के द्वारा दिया जा सकता हैं।
(8) आमतौर पर देखा जाता है कि एक हीं मास्क हर रोगी को लगा दिया जाता है इससे बीमारी फैलने का काफी खतरा बना रहता है। इसलिए हर रोगी के लिए अलग मास्क की आवश्यकता होती है। कोरोना पीरियड में इसपर और भी सावधानी रखने की आवश्यकता है।
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