Electro Homeopathy treatment in hernia
इलेक्ट्रो होम्योपैथी में हाइट्स हार्निया ( Hiatus hernia) की चिकित्सा
परिचय (Introduction)
ग्रासनली के इस विकार में आमाशय का कुछ भाग ,ग्रासनली के डायफ्राम में प्रवेश करने के छिद्र में से घुस कर ऊपर छाती में आ जाता है जिससे मरीज के पेट के ऊपरी भाग में जलन तथा डकार आने की परेशानी उत्पन्न हो जाती है।
रोग का कारण (Etiology of the disease )
- ग्रासनली (Oseophagus) का छोटा होना
- जन्म से ही डायफ्राम की मांसपेशियों का कमजोर होना
- मोटापे के कारण
- महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान
- जलोदर व टयूमर के कारण पेट का बढा हो जाना
रोग के प्रकार (Types of the disease )
1. स्लाइडिंग हार्निया (Sliding Hernia)
इस प्रकार के हार्निया में ग्रासनली छोटी होती है जो आमाशय के कुछ भाग के साथ डायफ्रॉम के मुंह से होती हुआ छाती में पहुंच जाती है समान्यतः छाती के अन्दर घुसा भाग अपने आप वापस आ जाता है कभी कभी ग्रासनली में सूजन आ जाने के कारण यह अस्थायी रूप से छाती में ही स्थित हो जाता है।
यह हार्निया अधिक शरीरिक वजन वाले व मोटे व्यक्तियों में पाया जाता है
2.रोलिंग हार्निया (Rolloing Hernia )
इस विकार में इसोफेगस तो अपनी ही स्थिति में रहता है लेकिन आमाशय का ऊपरी भाग ग्रासनली हाऐटस से छाती में प्रवेश कर जाता है।
मरीज को तेज दर्द होता है तथा उसे भोजन निगलने में कठिनाई होती है।
3.हाइएटल हार्निया (Hiatal hernia )
• यह हार्निया रोगी में जन्म से ही पायी जाती है
• इस हार्निया का प्रमुख कारण ग्रासनली का लम्बाई छोटा रह जाना होता है।
4. मिश्रित हार्निया (Mixed hernia )
• इस हार्निया में स्लाइडिंग तथा रोलिंग दोनों के लक्षण मिलते हैं।
लक्षण (Sign and Symptoms of Disease )
- इस रोग में भोजन के उपरान्त लेट जाने पर छाती में जलन व दर्द होता है अथवा भारीपन बना रहता है
- लेटा हुआ व्यक्ति जैसे ही बैठता है अथवा खडा होता है उसके जलन की तीव्रता कम हो जाती है
- कभी कभी पेट या छाती का दर्द कमर , बायें कंधे तथा हाथ तक फैल कर ह्रदय के दर्द का आभास कराता है
- कभी कभी मरीज के ह्रदय की धडकन भी बढ जाती है
- छाती में घुसे हुए ग्रासनली में सूजन आ जाने पर उल्टी के साथ खून भी आ जाता है
- ग्रासनली के निचले भाग की आन्तरिक दीवार में अल्सर बन जाता है जिसमें रक्त स्त्राव होता रहता है
- रोलिंग हार्निया में श्वास लेने पर कठिनाई के साथ साथ मरीज के दिल की धडकन भी बढ जाती है
- हाऐटस हार्निया का दर्द चाय व काफी पीने से बढ जाता है
- गर्भवती महिलाओं में बाद के महीनों में होने वाली छाती की जलन प्रायः हाएटस हार्निया के कारण होती है जो प्रसव के पश्चात ठीक हो जाती है।
जांच (Investigation )
- रक्त की TLC, DLC, Hemoglobin
- ओकुल्ट ब्लड जांच
- बेरियम मील जांच
- एण्डोस्कोपी जांच
- इसोफेजियल अम्लता जांच
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उपचार Treatment
सामान्य उपचार ( Genral Treatment)
- मरीज को अपना शारीरिक वजन कम करने का प्रयास करना चाहिए
- भोजन में वसा युक्त पदार्थ तथा काफी का सेवन कम करना चाहिए
- मरीज को अपना सिर वाला भाग ऊंचा करके सोना चाहिए
- मरीज को सोने से कम से कम 2 घंटे पूर्व भोजन कर लेना चाहिए
- भोजन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए
इलेक्ट्रो होम्योपैथी में Hiatus Hernia की चिकित्सा
(1) Treatment S4+A3+C15+S3+RE | 2nd Dillution 3-4 time |
(2) Treatment S10+Ver1+WE Alternate S5 + C5 + GE | 3rd Dillution 3-4 time |