Electro Homeopathy Treatment of Diarrhea डायरिया, दस्त या अतिसार में इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा
गर्मी का मौसम जाते ही बारिश के मौसम में बहुत सी बीमारियां हैं आती हैं इसमें से एक बीमारी डायरिया भी इसी समय अधिक होती है।
डायरिया पाचन संबंधी एक समस्या है जो बच्चों के साथ-साथ बड़ों में भी हो जाता है।
डायरिया (Diarrhea) को सामान्यता हिंदी में दस्त कहा जाता है यह दस्त की समस्या आम तौर पर 2 दिन से लेकर 7 दिनों तक रहती है।
जिसमें मरीज का मल पानी की तरह पतला हो जाता है और इस समस्या से जूझ रहे मरीज को मल त्यागने में पेट में अधिक पीड़ा का आभास होता है। छोटे बच्चों और बुजुर्गों में डायरिया होने की संभावना अधिक रहती है।
डायरिया रोग होने के कई कारण हो सकते हैं तो आइए जानते हैं किन किन कारणों से डायरिया (Diarrhea) रोग हो सकता है।
● डायरिया (Diarrhea) रोग की समस्या रोटावायरस, नोरोवायरस के इंफेक्शन के कारण छोटे बच्चों में होने की संभावना रहती है।
● एडेनो वायरस के संक्रमण के कारण यह समस्या किसी को भी हो सकती है जिसमें दस्त शुरू हो जाता है।
● मरीज की पाचन शक्ति कमजोर होने के कारण उसे डायरिया हो सकता है।
● शरीर में पानी की कमी के कारण होता है।
● डायरिया रोग दूषित पानी पीने के कारण हो सकता है।
● वायरल इंफेक्शन के कारण हो सकता है।
● पेट में संक्रमण फैलने के कारण होता है।
● मितली एवं उल्टी आना, पेट में ऐठन महसूस होना अधिक दस्त के कारण खनिज लवणों की अधिक हानि होने से कभी-कभी व्यक्ति की मृत्यु भी हो जाती हैं।
डायरिया रोग के लक्षण क्या है?
डायरिया (Diarrhea) रोग ऐसी एक समस्या है जिसके लक्षण बहुत ही आसानी से पहचाने जा सकते हैं यह लक्षण कुछ इस प्रकार से हैं। मल का पतला हो जाना, बुखार आना, बार-बार मल आने की आशंका रहना।
डायरिया (Diarrhea) रोग की इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा
Electro Homeopathy Treatment of Diarrhea)
S10 + C10 + Ver1 + We ―1st or 2nd Dillution
●निर्जलीकरण को रोकने के लिए अधिक मात्रा में तरल पदार्थ लेने चाहिए।
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