सीजर मैटी ने ए. पी. पी. नहीं बनाई थी ?
काउंट सीजर मैटी के समय में होम्योपैथी की भी वही स्थिति थी जो इस समय भारत में इलेक्ट्रो होम्योपैथिक की है।
इसलिए इलेक्ट्रो होम्योपैथिक और होम्योपैथिक की दवाएं साथ साथ मिलती थी। पुराने लिटरेचर को देखने से पता चलता है कि बहुत सारे होम्योपैथी के मेडिकल स्टोर्स पर इलेक्ट्रो होम्योपैथिक दवाए मिलती थी।उस समय होम्योपैथी कुछ वर्ष पुरानी पैथी थी इसलिए होम्योपैथी और इलेक्ट्रो होम्योपैथी में कोई बड़ा भेद नहीं माना जाता था। बिल्कुल वैसे ही था जैसे कुछ दिन पहले भारत में बायोकेमिक और होम्योपैथी का था या आज होम्योपैथी और बैच फ्लावर का है।
बैच फ्लावर की दवाएं होम्यो पैथिक की दुकान पर आराम से मिल जाती है । लोग अंतर भी नहीं समझते हैं। जो जानते हैं वही समझ पाते है। उस समय वहाँ बहुत से इलेक्ट्रो होम्योपैथिक मेडिकल स्टोर पर भी होम्योपैथिक दवाएं आराम से मिल जाती थी।
इन दवाओं में न तो उस समय कोई सरकारी नियंत्रण था और न ही कोई कानून था। जैसे आज भारत में इलेक्ट्रो होम्योपैथी पर कोई कानून नहीं है।
काउंट सीजर मैटी एक रईस खानदान से संबंध रखते थे। उन्हें दवा सजी का शौक था। इसलिए वे अपने किले में ही औषधियां तैयार करते थे। लोग उन्ही के यहां से खरीदकर अन्य स्टोर पर रख कर बेचते थे ।
विदेशों में औषधियां डाक द्वारा भेजी जाती थी लेकिन उन्होंने न तो औषधि बनाने का फॉर्मूला किसी को बताया था और न ही किसी पौधे का जिक्र किया था। अपनी सारी फार्मेसी को गोपनीय रखा था ।
सीजर मैटी की दवाई होम्योपैथी की अपेक्षा कृत ज्यादा लाभकारी सिद्ध हो रही थी । इसलिए उनको नई पहचान मिल रही थी। लोगों के दिल में यह शक बना हुआ था कि सीजर मैटी कैसे दवाइयां बनाते हैं
जो ज्यादा लाभकारी सिद्ध हो रही है। इसके लिए लोगों ने उस समय सोचना शुरू कर दिया था । उसी समय में कई होम्योपैथिक डॉक्टरों के मस्तिष्क में एक बात आने लगी थी कि कहीं यह होम्योपैथिक दवाओं को ही आपस में मिलाकर सीजर मैटी तो कहीं औषधियां नहीं बनाते हैं ?
यह बात लोगों को बार-बार पंच कर रही थी । इस पर डॉक्टर फिनेल्ला जैसे लोगों ने काम भी शुरू कर दिया था। डॉक्टर फिनेल्ला ने तो एक 390 पेज की कांप्लेक्स होम्योपैथिक की एक पुस्तक लिखी थी जिसका संपादन काउंट सीजर मैटी से ही कराया था।
ताकि लोगों के दिमाग में यह बात आ जाए कि सीजर मैटी होम्योपैथिक दवाओं को ही आपस में मिलाकर इलेक्ट्रो होम्योपैथिक औषधियां तैयार करते हैं। यह एक प्रकार की उनकी उनके साथ चाल बाजी थी ।
1952 के पहले की छपी हुई इलेक्ट्रो होम्योपैथी की किसी भी पुस्तक में इलेक्ट्रो होम्योपैथी की औषधियों में प्रयोग होने वाले किसी पौधे का जिक्र नहीं है। इसके बाद जो पुस्तके छपी है।
उसमें पौधों का जिक्र आया है। वह इसलिए कि जर्मन कि ISO कंपनी ने 1953 में इलेक्ट्रो होम्योपैथी की औषधियों में प्रयोग होने वाले पौधों की लिस्ट व फार्मूले जारी कर दिया था। ISO जर्मन ने जो लिस्ट जारी किया है उसमें 112 पौधों की सूची है।
इसी तरह 1914 के पहले छपी हुई इलेक्ट्रो होम्योपैथिक पुस्तकों में A.P.P. का वर्णन नहीं मिलता है । क्योंकि 1914 में जब सीजर मैटी के दामाद में औषधि बनाने का सारा कार्य ISO जर्मन को सौंप दिया था।
तभी से A. P. P. का निर्माण हुआ है। यदि काउंट सीजर मैटी ने A. P. P. का निर्माण किया होता तो 1888 में छपी Electro homeopathic Healing System ( by M.J.G.De Bonqeval ) और स्टेपिंग स्टोन में A. P. P. का वर्णन मिलना चाहिए था ।
यहाँ हमने केवल दो पुस्तकों का वर्णन दिया है बाकी और भी बहुत सारी पुस्तकें हैं जिनमें A. P. P. का वर्णन नहीं मिलता है। इस बात से साफ जाहिर होता है । कि सीजन मैटी ने APP का निर्माण नहीं किया था । इसका निर्माण ISO जर्मनी ने किया है।