Knee pain And Arthritis treatment in electro homeopathy in hindi
इलेक्ट्रो होम्योपैथी में घुटने का दर्द और गठिया का इलाज
इस रोग में उम्र बढने के साथ शरीर के जोड़ में धीरे -धीरे बदलाव आने के कारण सूजन आ जाती है यह लगभग ४० वर्ष की उम्र के पश्चात प्रारम्भ हो जाता है। प्रारंभ में शरीर की एक या दो संधिया (Joints) मे ही बदलाव से प्रभावित होती है किंतु धीरे - धीरे शरीर की अन्य संन्धियां भी क्षतिग्रस्त होने लगती है तथा यह रोग निरन्तर बढता जाता है।
Knee pain And Arthritis treatment in electro homeopathy |
यह समस्या पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं तथा मोटे मनुष्यों में पाया जाता है इस रोग प्रारम्भ घुटनों के जोड़ से होता है क्योंकि शरीर का भार घुटनों पर ही अधिक पडता है। रोग की प्रारंभिक अवस्था में सोकर उठने पर हाथों तथा पैरों में जकड़न महसूस होती है जो दिन बढने के साथ- साथ कम होती जाती है। उम्र बढने के साथ-साथ सन्धि स्थानों पर चोट लग जाने के कारण वहां की कार्टीलेज तथा लिगामेंन्टस टूटते व घिसते रहते हैं।
जोडों का यह दर्द इसमें पाई जाने वाली चिकनाई के किन्हीं कारणों से कम हो जाने से भी उत्पन्न हो जाती है। वास्तव में कार्टीलेज सन्धि स्थानों की हड्डियों को आपस में रगड़ने से बचाती है। इसके अतिरिक्त जोडों के चारों ओर साइनोवियल मेम्ब्रेन नामक झिल्ली पाई जाती है। जिससे साईनोवियल द्रव (Sinovial Fluid ) स्त्रवित होता रहता है। यह तरल पदार्थ जोडों को चिकना बनाऐ रखता है इस चिकनाहट के कारण ही हाथ - पैर को हिलाना -डुलाना संभव हो पाता है। सन्धि शोध से ग्रसित होने पर कार्टीलेज की इस चिकनाई में अनेकों कारणों से कमी आने लगती है। तथा संन्धि स्थानों की गतशीलता बाधित होने लगती है। साथ ही साथ साईनोवियल झिल्ली में सूजन आ जाने व हड्डियों के बीच रगड उत्पन्न होने के कारण जोडों में पीडा होने लगती है।
Ques: इलेक्ट्रो होम्योपैथी पैथी पूरे आर्गन पर क्यों काम करती हैं ? जबकि होम्योपैथी केवल लक्षणों पर काम करती है।
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इलेक्ट्रो होम्योपैथी में घुटने का दर्द और गठिया के कारण
- यह सन्धि क्षय रोग के कारण उत्पन्न होता हैइस रोग में ट्यूवरकल बैसिलाई नामक बैक्टीरिया शरीर के किसी भी जोड़ में प्रवेश करके वहां संक्रमण उत्पन्न कर देता है
- सामान्यता यह बैक्टीरिया रक्त के माध्यम से जोडों में प्रवेश करता है
- यह रोग गैस व युरिक एसिड बढ जाने से भी होता है
जांच (Investigation)
- रक्त की टी.एल.सी
- हीमोग्लोबिन
- ई.एस.आर
- जोडों के मवाद की जांच
- मोन्टोक्स जांच
- हड्डियों की एक्स रे
- साईनोवियल बायोप्सी
Knee pain And Arthritis treatment in electro homeopathy in hindi
इलेक्ट्रो होम्योपैथी में घुटने का दर्द और गठिया का इलाज
C3+A1+S2+C8+GE+WE ―D4 20 Drop Tds.
C4+L1+F1+S10+Ven1+Ver1+S1― D5 15 Drop Half Cup Luke water Qid
इस लेख को इलेक्ट्रो होम्योपैथिक चिकित्सक K. N Sharma जी द्वारा पैथी के प्रचार प्रसार के लिए प्राप्त किया गया है। हम उनका आभार व्यक्त करते है।
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