जीने की राह नहीं है आसान पैराप्लेजिया के साथ
आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम पैराप्लेजिया के विषय में विस्तार से चर्चा करेंगे
पैराप्लेजिया ऐसा रोग है जो स्पाइनल कॉर्ड क्षति के कारण होता है हमारे शरीर के विभिन्न भाग में संदेश पहुंचाने का कार्य स्पाइनल कॉर्ड के द्वारा किया जाता है और अगर हमारे स्पाइनल कॉर्ड में किसी भी प्रकार से क्षति हो जाती है तो इसका प्रभाव शरीर के विभिन्न भागों पर पड़ता है जिसके चलते हमारे शरीर के अंगों में मूवमेंट का सामान्य अवस्था से कम हो जाने के लक्षण या पूरी तरीके से शिथिल हो जाने के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
किसी भी व्यक्ति के जीवन शैली पर यह बहुत ही गहरा प्रभाव डालता है पैराप्लेजिया के साथ जीना बहुत ही मुश्किल हो जाता है यह एक ऐसी समस्या है जो बहुत ही मुश्किल से ठीक हो पाती है। इसलिए हमें इसका बहुत ही खास ख्याल रखना चाहिए।
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Paraplegia |
पैराप्लेजिया क्या है What is Paraplegia
स्पाइनल कॉर्ड में हुई क्षति या स्पाइनल कॉर्ड इंजरी पैराप्लेजिया है जिसके प्रभाव से शरीर के नीचे के भाग में लकवा हो जाता है इस प्रकार की व्याधि तंत्रिका तंत्र में एवं स्पाइनल कार्ड में हुई भारी क्षति के कारण होता है। पैराप्लेजिया में कमर के निचले हिस्से पैरों और रेलवे क्षेत्रों में इसका प्रभाव पड़ता है जिसके कारण रोगी चलने फिरने में असमर्थ हो जाता है।
पैराप्लेजिया के प्रकार
प्रकार की होती है कंप्लीट पैराप्लेजिया, इनकंप्लीट पैराप्लेजिया
कंप्लीट पैराप्लेजिया में पैरों का मोमेंट करना पूरी तरह से बाधित हो जाता है और रोगी पैरों से किसी भी प्रकार के एक्टिविटी करने में असमर्थ हो जाता है लेकिन इनकंप्लीट रूप में रोगी के पैरों की मूवमेंट पूरी तरह प्रभावित नहीं होती है।
स्पाइनल कॉर्ड इंजरी या पैराप्लेजिया के कारण
- किसी दुर्घटना के कारण या अन्य किसी कारण से स्पाइनल कॉर्ड में चोट लग जाने के कारण
- मोटर न्यूरॉन डिजीज, अर्थराइटिस के कारण
- ऑस्टियोपोरोसिस के कारण
- स्पाइनल कॉर्ड में सूजन के कारण
- शराब के सेवन से
- कैंसर
- रीढ़ की हड्डी में चोट के कारण
स्पाइनल कॉर्ड इंजरी के लक्षण
पैराप्लेजिया के लक्षण स्पाइनल कार्ड की क्षतिग्रस्त होने की स्थिति के अनुसार इसके लक्षण भिन्न-भिन्न हो सकते हैं मरीज में इस प्रकार के कुछ लक्षण जो दिखाई देते हैं वह निम्नलिखित हैं:-
जैसे कि
- सांस लेने में तकलीफ होना
- मल मूत्र त्यागने पर नियंत्रण खो देना
- कमर के नीचे के हिस्से में और पैरों में अत्यधिक दर्द होना
- स्पर्श का एहसास ना होना
- शरीर में सुन्नता
- हाथों पैरों एवं छाती में किसी भी प्रकार की मूवमेंट ना होना
- या करने में असमर्थता
- मांसपेशियों में दुर्बलता
विश्व भर में प्रचलित मॉडर्न साइंस एलोपैथी ने आज भले ही कितना भी विकास किया हो लेकिन आज भी इस चिकित्सा पद्धति लिए इसकी चिकित्सा के लिए कोई भी उपचार संभव नहीं हो सका है इसके उपचार की खोज के लिए निरंतर अनुसंधान कार्य किए जा रहे हैं लेकिन अभी स्टेम सेल थेरेपी की मदद से इसका उपचार किया जा रहा है जो काफी हद तक प्रभावशाली भी साबित हुआ है।
इस समस्या से जूझ रहे व्यक्ति इलेक्ट्रो होम्योपैथी का भी सहारा ले सकते हैं जो कि आज के समय में लगभग सभी रोगों पर पूरी तरह से प्रभाव डालने वाली चिकित्सा पद्धति बनकर उभरी है और इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति में वनस्पतियों द्वारा तैयार की गई औषधियों के द्वारा चिकित्सा की जाती है।