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जानिए क्या है Black Fungus
By- Dr Vijay Dagar | Dr Rakhi Yadav | January 5, 2022
आज पूरा देश कोरोना वायरस संकट की दूसरी लहर से जूझ रहा है। इस समय जो मरीज कोरोना संक्रमित हैं। इलाज के बाद ठीक होने पर उन्हें एक प्रकार इन्फेक्शन का सामना करना पड़ रहा है।
यह म्यूकरमाइकोसिस (mucormycosis) एक तरह का फंगल इंफेक्शन है। जिसे ब्लैक फंगस (black fungus) भी कहा जाता है।
म्यूकरमाइकोसिस की वजह से कोरोना संक्रमित मरीजों के ठीक होने के बाद उनके आंखों की रोशनी चली जाना या कोई दूसरी गंभीर समस्याएं सामने आ रही हैं।
म्यूकरमाइकोसिस एक गंभीर लेकिन रेअर (दुर्लभ) फंगल इन्फेक्शन है। यह कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना मरीजों के ठीक होने के बाद पाया जा रहा है। यह खास तौर से उन लोगों को प्रभावित करता है, जिनमें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं या वो लोग जो दवाइयां लेते हैं जिनकी रोध प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।
पर्यावरण में यह ब्लैक फंगल के संपर्क में आने से लोगों को इस प्रकार का इन्फेक्शन हो जाता है। यह छूत की बीमारी नहीं है। यह लोगों से लोगों में या लोगों से जानवरों में नहीं फैलता।
कुछ डॉक्टरों के अनुसार, म्यूकरमाइकोसिस कोई नई बात नहीं है। इस फंगस के जीवाणु पर्यावरण में मौजूद हैं। जिनकी इम्युनिटी कमजोर होती है उनमें यह अधिक फैलता है। कोरोना संक्रमित मरीजों के बीच इसके बढ़ने का कारण यह है, कि स्टेरॉयड के इस्तेमाल से शुगर का लेवल बढ़ जाता है। और कुछ दवाएं मरीजों की इम्युनिटी को कम कर देती है। ऐसी स्थिति में यह ब्लैक फंगस आसानी से संक्रमित कर देता है।
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कोरोना संक्रमित मरीजों की छुट्टी कर देने कुछ हफ्ते बाद यानी ऑफ्टर इफेक्ट के रूप में आम तौर पर यह इन्फेक्शन कोरोना वायरस महामारी के पहले दौर में सामने आया था। हालांकि अब मरीज कोरोना संक्रमण का इलाज कराने के दौरान इस इन्फेक्शन का सामना कर रहे हैं।
लक्षण
सिरदर्द, बुखार, खांसी, आंखों के नीचे दर्द, नाक बहना, मतली या उल्टी होना, कम दिखाई देना, छाती में दर्द, सांस लेने में तकलीफ जैसी तमाम लक्षण नजर आते है।
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