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एकाउंट में पुस्तक का मूल्य डालना है

पुस्तक प्रेमियों का उत्साह देखकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। जब से मैंने blogger व फेसबुक लिखना शुरू किया और पुस्तक का नाम आया तभी से ही लोगों की एक ही रट लगी रही  आपकी पुस्तक कब आ रही है अकाउंट बताओ मैं पैसा डाल दूं।

ऐसे बहुत सारे लोगों ने मुझे फोन व  मैसेज कर कहा है लेकिन मैं यही कहता रहा कि जब पुस्तक लगभग40 परसेंट छप जाएगा तभी मैं आपसे पुस्तक मूल्य मांगने की बात करूंगा, फिर भी कुछ लोगों ने बहुत उत्साह दिखाया और बार-बार अकाउंट नंबर की मांग की है। इसलिए आज मुझे इसके लिए तैयार होना पड़ा । हालांकि चुनाव पीरियड होने के कारण पुस्तक छपने में अभी देर लगेगी लेकिन अब इतनी भी देर नहीं कि आप इंतजार न कर सके ।


आप लोगों ने जो  नाम व पते  हमें दिए हैं वह हमारे पास डायरी में लिखे हैं हम आपसे मैसेन्जर  या फोन कर कांटेक्ट करेंगे अकाउंट नंबर देंगे उसी अकाउंट में आप पुस्तक का मांगा गया मूल्य, डाल देंगे और उसका स्क्रीनशॉट मैसेंजर पर ही हमें भेज देंगे । यदि किसी का नाम पता बदल गया हो या पहले लिखाने में कुछ त्रुटि हो गई हो, तो वह अपना नाम पता दोबारा ठीक करा सकता है।

हमने 500 पुस्तकें ही छपवाई हैं। यदि आप लेट पेमेंट करेंगे तो हो सकता है। जब दूसरी बार पुस्तक छपे तो  आपको पुस्तक के  बढ़े हुए मूल्य का पेमेंट करना पड़े।  इसलिए काम में शीघ्रता करें ताकि बढ़े हुए मूल्य का सामना न करना पड़े।

यह व्यवस्था हमारे पास और डॉक्टर योगेंद्र के पास दोनों जगह है। आप जहां चाहे वहां पैसा दे सकते हैं। अत्याधिक व्यस्तता के कारण कभी-कभी फोन नंबर रिसीव नहीं कर पाते है इसके लिए हम क्षमा चाहते हैं। ज्यादा अच्छा है कि रात में 9 -- 10 के बीच कांटेक्ट करें तो ठीक रहेगा। डॉक्टर योगेंद्र के पास कौन सा समय उपयुक्त रहेगा यह उनसे ही बात कर आपको मालूम करना पड़ेगा ।

जैसा कि पहले ही बताया है अभी पुस्तक छपने में कुछ समय लग सकता है । इसलिए पैसा डालने के बाद लगभग 20 -- 25 दिन का कम से कम इंतजार करना पड़ सकता है।

पुस्तक छपने में समय लगता है। छपने के बाद प्रूफ रीडिंग होती है। उसके बाद फाइनल छपती है। वाइंडिंग होती है उसके बाद विमोचन होता है। तब पुस्तक का वितरण होता है । इन सारी चीजों में समय लगता है क्योंकि शीध्रता ही हमेशा पुस्तक का दाग बन जाती है। कोरोना पीरियड में कब क्या हो जाए कोई जानता नहीं है।  पुस्तक को जितने इतमिनान से लिखा जाए इतना ही अच्छी होती है।

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