पोषक तत्वों का खजाना एवं औषधिय गुणों से परिपूर्ण है गाजर: जड़ ही नहीं पत्तियां भी सेहत के लिए फायदेमंद
गाजर के फायदे और नुकसान |
गाजर वैसे तो सर्दियों में उगाई जाने वाली फसल है, परन्तु अब इसकी खेती वर्ष पर्यन्त होने से यह हमें साल भर उपलब्ध हो जाती है। इसकी ताज़ी जड़ों का उपयोग, सलाद, रस, हलवा, खीर एवं सब्जी बनाने में किया जाता है।
इसके अलावा इसके प्रसंस्कृत उत्पाद जैसे अचार, मुरब्बा, जैम, सूप, कैंडी तैयार कर खाए जाते है। गाजर की जड़ों का संतरी-लाल अथवा बैंगनी काला रंग इसमें उपस्थित बीटा कैरोटीन की वजह से होता है, जो कि एक उत्तम एंटी ऑक्सीडेंट है तथा गाजर इसका सर्वोत्तम स्त्रोत माना जाता है।
हमारे शरीर में यह बीटा कैरोटीन यकृत द्वारा विटामिन ए में परिवर्तित हो जाता है। गाजर में अनेक पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते है।
इस प्रकार से गाजर न केवल पौष्टिक बल्कि औषधिय गुणों का भण्डार है। यह आँखों की दृष्टि बढ़ाने के साथ-साथ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाये रखने में सहायक होती है।
इसके अलावा रक्त के शुद्धिकरण, पाचन क्रिया के सुचारू रूप से संचालन, खून की कमीं कू दूर करने, उम्र बढ़ने के लक्षणों को कम करने, कैंसर, उच्च रक्तचाप व ह्रदय रोग से बचाव और शरीर में क्षारीयता-अम्लीयता को संतुलित रखने और आँतों को साफ़ करने में भी सहायक है।
सेहत के लिए न केवल गाजर बल्कि इसकी पत्तियां भी बेहद फायदेमंद होती है। स्वाद में थोड़ी कडवी जरुर लगती है लेकिन सेहत के लिए जरुरी पोषक तत्वों से परिपूर्ण होती है।
गाजर की पत्तियों में विटामिन C, विटामिन K और विटामिन A तथा फाइबर के साथ-साथ खनिज तत्व जैसे- पोटैशियम, आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम आदि प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
पत्तियों के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है और पाचन तंत्र सुचारू रूप से कार्य करता है । गाजर और गाजर की पत्तियों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से शरीर को सुरक्षित रखने में सहायक माने जाते हैं।