E.S.R ई.एस.आर एरिथ्रोसाइट सेडीमेटेंशन रेट (Erethrocyte Sedimentation Rate)
इसके द्वारा किसी एक खास किस्म की बीमारी का इलाज नहीं किया जाता है ।
बल्कि इसके द्वारा देखा जाता है कि शरीर में कहीं भी सूजन है या नहीं।
E erythrocyte
S sedimentation
R rate
इसमें लंबी तथा पतली टेस्ट ट्यूब का इस्तेमाल होता है ,,।इसमें ब्लड का सैंपल लेकर ट्यूब में डाला जाता है इसके बाद ब्लड में मौजूद आरबीसी धीरे-धीरे नीचे की तरफ आने लगते हैं। नीचे आते समय 1 घंटे में वह जितनी दूरी तय करते हैं यही ई एसआर टेस्ट का रिजल्ट होता है।
इसे मिली मीटर में मापा जाता है यानी कि यदि आरबीसी 1 घंटे में 20 मिली मीटर की दूरी तय करते हैं तो यह सर 20 एमएम /hour होगा। जब शरीर में कहीं भी इन्फ्लेमेशन हो जाती है तो इसके कारण शरीर में ऐसा असामान्य प्रोटीन बनने लगते हैं जिसके कारण आरबीसी आपस में चिपक जाते हैं तथा भारी हो जाते हैं। जिससे उनके नीचे गिरने की स्पीड तेज हो जाती है तथा 1 घंटे में यह ज्यादा दूरी तय करते हैं। जिससे ईएसआर बढ़ जाता है तथा यह पता चलता है कि शरीर में कहीं पर सूजन है इससे ऑटो इम्मूमिन रोग, कैंसर ,इंफेक्शन, मसल्स प्रॉब्लम ,आदि की बीमारियों को पता करने में सहायता मिलती है ।
अगर रिजल्ट नॉर्मल से ज्यादा आता है तो कई कारणों से ऐसा हो सकता है जैसे एनीमिया, किडनी प्रॉब्लम और प्रेगनेंसी, थायराइड, बोन इनफेक्शन, स्किन प्रॉब्लम, टी बी इत्यादि।
इस लेख को इलेक्ट्रो होम्योपैथिक चिकित्सक विजय डागर जी द्वारा पैथी के प्रचार प्रसार के लिए प्राप्त किया गया है। हम उनका आभार व्यक्त करते है।
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