क्या है पॉजिटिव, निगेटिव दवा व रोग?

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What is positive, negative, drug disease? क्या है पॉजिटिव, निगेटिव, दवा रोग?

आज इलेक्ट्रो होम्योपैथिक जगत में एक भ्रम की स्थिति बनी हुई है। हमारे पास बहुत से फोन काल आए है , बहुत से लोगों से पर्सनल बात हुई है, बहुत सारे लोगों ने फेसबुक पर भी प्रश्न उत्तर किए हैं। जिनसे यह पता चलता है उनमें नेगेटिव पाजिटिव रोग और औषधि के विषय में बहुत तगड़ा भ्रम है। वह इस भ्रम से निकल नहीं पा रहे हैं । कुछ लोग हैं जो लोगों को इससे निकालने का प्रयास किया हैं लेकिन एक बार जो दिमाग में बात बैठ जाती है उसको निकालना बहुत कठिन होता है । 



आज हम उसी बात को निकालने के लिए आपको कुछ समझाना चाहता हूँ :----

आज शिक्षा का प्रसार अधिक है बड़ी बड़ी चीजें आसान लगती है लेकिन पुराने समय में शिक्षा का अभाव था।  छोटी-छोटी चीजें बहुत कठिन लगती थी । प्रैक्टिस को आसान करने के लिए नेगेटिव पॉजिटिव का सिद्धांत बनाया गया था । जिसे एन. एल. सिन्हा ने अपनी पुस्तक में  भी स्थान दिया है लेकिन कहीं कहीं पर त्रुटि होने के कारण उसे समझना कठिन हो गया है और बाद में जो नए एडिशन बने उनमे उन चीजों को न समझ पाने के कारण निकाल दिया गया है  लेकिन जो बात दिमाग में बैठ जाती है या पुरानी पुस्तकों में लिख जाती है उसे निकालना बहुत कठिन हो जाता है पहले हम नेगेटिव पॉजिटिव औषधि के विषय में समझते हैं:---


पाजिटिव निगेटिव के आधार पर औषधि को दो भागों में बांटा जा सकता है।

(1) पाजिटिव औषधि 
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(A) ऐसी औषधि जिसमें औषधीय तत्व अधिक हो पॉजिटिव कहलाती है लेकिन इनमें औषधीय शक्ति  कम होती  है :----जैसे पौधे का कंसन्ट्रेट मूल एस्ट्रेक्ट, काम्प्लेक्स स्पेजिरिक, डायलूट काम्प्लेक्स स्पेजरिक,  फर्स्ट, सेकंड ,थर्ड डायलूशन------आदि अर्थात निम्न , कम नंबर का डायलूशन ।

(B) ऐसी औषधि जिसमें है औषधीय शक्ति अधिक हो पॉजिटिव कहलाती है लेकिन इनमे औषधीय तत्व कम होते हैं:----- जैसे उच्च शक्ति का डायलूशन 1M, 500, 200 आदि।


(2) निगेटिव औषधि
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(A) ऐसी औषधि जिसमें औषधीय तत्व कम हो नेगेटिव औषधि कहलाती है लेकिन इनमें औषधीय शक्ति अधिक होती है :---- जैसे उच्च शक्ति के डायलूशन 1M ,500  ,200,

(B) ऐसी औषधि जिसमें औषधीय शक्ति कम हो नेगेटिव औषधि कहलाती है लेकिन इनमें औषधीय तत्व अधिक होते हैं जैसे कंसंट्रेट प्लांट एक्सट्रैक्ट, काम्प्लेक्स स्पैजिरिक ,डाइलूट स्पैजिरिक, फर्स्ट , सेकंड , थर्ड डायलूशन आदि ।

नोट:---- यहां ध्यान से देखें तो (1) व (2) नंबरों में एक ही बात लिखी है। केवल समझने का फर्क है। आप लोग यहीं पर कंफ्यूज हो जाते हैं इसे समझ नहीं पाते हैं । ऊपर के 4 पॉइंटों 2 में केवल दो ही पॉइंट लिखे हैं ।
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अब हम नेगेटिव पॉजिटिव रोग के विषय में समझने का प्रयास करेंगे।

(1) पाजिटिव रोग 
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(A) ऐसी बीमारी जिसमें रोगी को अधिक बेचैनी हो पॉजिटिव बीमारी कहलाती है। कोई बीमारी जितनी एक्यूट (नई) होती है उतना अधिक कष्ट करती है लेकिन जितनी पुरानी होती जाती है इतने कष्ट कम होते जाते हैं लेकिन प्रॉब्लम ज्यादा होती जाती हैं।

उदाहरण के लिए एक टीवी का पेशिएन्ट हो जब नई बीमारी होगी तो उसे खांसी, बुखार अधिक होगा उसे हर तरीके की बेचैनी अधिक होगी लेकिन जब वही पुराना हो जाता है तो उसका स्वास्थ्य गिरता जाता है बुखार कभी आता है कभी नहीं आता है खांसी में खून के साथ बलगम आता है कभी ठीक हो जाता है।  इस तरीके के लक्षण होते रहते हैं बेचैनी पहले की अपेक्षा कम होती है ऐसे रोगों को पॉजिटिव बीमारी कहा जाता है।


(B) निगेटिव रोग
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ऐसी बीमारी जिसमें रोगी की बेचैनी कम हो नेगेटिव बीमारी कहलाती है । कोई बीमारी  जितनी पुरानी हो जाती है बेचैनी उतनी ही कम हो जाती है लेकिन कष्ट ज्यादा हो जाते है । 

उदाहरण के लिए एक रोगी हो जिसके कान के पस आ रहा हो शुरू शुरू में उसे बहुत बेचैनी होती है लेकिन जैसे रोग पुराना होता जाता है ।बेचैनी कम होती जाती है लेकिन कान का बहना ठीक नहीं होता वह अंदर ही अंदर अन्य अंगों को जकडता जाता है और वह भयानक होता जाता है ऐसी स्थिति को निगेटिव रोग कहा जाता है ।


अब यहां समझने के बात यह है जब बीमारी नई होती है उसमें औषधीय तत्व अधिक दिए जाते हैं और सब पुरानी बीमारी हो जाती है तो उसमें औषधीय तत्व कम दिए जाते हैं। अर्थात 

( बीमारी पोजिटिव तो दवा पोजिटिव )

( बीमारी  नेगेटिव  तो  दवा  निगेटिव )

संक्षेप में आप यह समझ सकते हैं कि बीमारी जितनी एक्यूट होगी उतना कम डाइल्यूशन देना होगा जितना पुरानी होगी इतना ऊंचा डायलूशन देना पड़ेगा अभी रोग परमानेंट ठीक होगा ।

नोट:----

(1) बीमारी का नया या पुराना होने का कोई पैरामीटर नहीं  होता है ।यह पूरी तरह तुम्हारे ऊपर निर्भर करता है तुम उसे कैसे समझते हो । उसके आधार पर दवा व डायलूशन का चुनाव करना तुम्हारे ऊपर है इसका कोई पैरामीटर नहीं होता है यह तुम्हारे प्रैक्टिस के ऊपर है इसमें कोई बुक कोई लेख कुछ मदद नहीं कर सकता है ।

2 comments

  1. Excellent explanation of positive and negative diseases and use of medication by Dr Ashok kumar morya
    1. Anukulosing spondylitis treatment is there
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