इलेक्ट्रो होम्योपैथिक औषधि किस स्टेज पर होती है? कैसे निर्धारित करें कि यह इलेक्ट्रो होम्योपैथी मेडिसिन है How to Dicide It Is Electro Homeopathy Medicine
मेडिसिन कोई वस्तु नहीं यह अवस्था होती है ज्यादातर लोग इस बात को नहीं समझते हैं पहले हम इसे क्लियर कर देते हैं।
इलेक्ट्रो होम्योपैथिक औषधि किस स्टेज पर होती है?
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फार्मेसी में 3 शब्द इस्तेमाल किए जाते हैं:-
(१) ड्रग (Drug)
एक कच्ची औषधि या रा मेटेरियल कहा जाता है। परंतु जब रा मटेरियल या कच्ची औषधि किसी रोगी के उपचार के लिए उपयुक्त हो जाती है तब उसे ही रिमेडी कहा जाता है। यह कच्ची औषधि की अवस्था पर निर्भर करता है।
(२) मेडिसिन (Medicine)
प्रयोगशालाओं की विभिन्न प्रक्रियाओं के बाद जब कच्ची औषधि पक्की औषधि बन जाती है तब उसे मेडिसिन कहा जाता है।
(३) रिमेडी (Remedy)
जब कोई मेडिसिन किसी रोगी के लिए सिलेक्ट की जाती है तो वह रिमेडी कहलाती है।
इलेक्ट्रो होम्योपैथी में पहले सिंगल प्लांट एक्सट्रैक्ट निकाला जाता है बाद में उसे कांप्लेक्स किया जाता है यहां तक का प्रोसेस होम्योपैथी का ही होता है। इसके बाद उस कंपलेक्स प्लांट एक्सट्रैक्ट को ऑडिशन में डाला जाता है यह प्रक्रिया इलेक्ट्रो होम्योपैथी की होती है। यदि सिंगल/ कांप्लेक्स प्लांट एक्सट्रैक्ट किसी रोगी के उपचार के लिए चुना जाता है तो होम्योपैथिक की रिमेडी होती है। यहां हम होम्योपैथिक की बात नहीं कर रहे हैं।
कोहोबेशन के बाद जो कन्सन्ट्रेट कांम्प्लेक्स स्पैजिरिक एसेंस (CCS) बनता है उसे इलेक्ट्रो होम्योपैथिक ड्रग कहा जाता है यदि इससे किसी का उपचार किया जाए तो उसे रिमेडी कहा जाता है । यदि इसी से आगे डाइल्यूशन बनाए जाए तो इनसे मूल औषधि कहा जाएगा।
इलेक्ट्रो होम्योपैथी और होम्योपैथी मैं संयुक्त मूलार्क या कांम्प्लेक्स प्लांट एक्सट्रैक्ट औषधि होती है और होम्योपैथी में सिंगल प्लांट मदर टीचर जिसमें समस्त औषधीय गुण मौजूद रहते हैं औषधि की जांच यहीं से होती है।