डायबिटीज की रामबाण औषधि- इन्सुलिन प्लांट

इन्सुलिन प्लांट क्या होता है? Insulin Plant Benifits in Hindi
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इन्सुलिन पौधे (डायबिटीज के लिए उपयोगी)   का परिचय एवं महत्व
औषधीय गुणों से इन्सुलिन पौधे
औषधीय गुणों से इन्सुलिन पौधे

इस पौधे को इन्सुलिन प्लांट कहते है । आप इसे किस नाम से जानते है । अपना जवाब कमेंट बॉक्स में अवश्य लिखें

इन्सुलिन प्लांट क्या है?

मधुमेह रोग  के उपचार में केयोकंद के पौधे का इस्तेमाल कारगर सिद्ध होने के कारण  लोग इसे इंसुलिन के पौधे के नाम से जानते हैं। केयोकंद को जारूल, केऊ, संस्कृत में सुबन्धु, पदमपत्रमूलम व  केमुआ तथा अंग्रेजी में स्पाइरल फ्लैग के नाम से जाना जाता है।

वनस्पति शास्त्र में इसे कॉस्टस स्पेसियोसस व कॉसटस इग्नेउस के नाम से जाना जाता है।कॉस्टेसी या जिन्जिबरेसी (अदरक) कुल का एक बहुवर्षीय पौधा है। यह सीधा बढ़ने वाला 1.2 से 2.7 मीटर ऊंचा पौधा होता है। इसमें पुष्प सफेद जो एक घनी स्पाइक में लगे रहते है। सहपत्र 2-3 से.मी. लम्बे हल्के नोकदार चमकीले लाल रंग के होते है। इसके फल (केप्सूल) गोल लाल रंग तथा बीज काले सफेद बीज चोल बाले होते है।  इसमें जुलाई-अगस्त में सुन्दर और आकर्षक फूल आते है। इसलिए इस शोभाकारी पौधे के रूप में गार्डन में भी उगाया जाता है।आदिवासी और वनवासी इसके प्रकंदों को कच्चा या पकाकर सब्जी के रूप में खाते है. 

इनमें कार्बोहाइड्रेट, स्टार्च, एमाइलोस, प्रोटीन,  वसा के साथ-साथ  विटामिन-ए, बीटा केरोटीन, विटामिन-सी, विटामिन-ई आदि प्रचुर मात्रा में पाए जाते है.

Content Quantity
कार्बोहाइड्रेट 44.51%
एमाइलोस 14.44%
प्रोटीन, 19.2%
स्टार्च 31.25 %
वसा 3.25 %
विटामिन ए -
विटामिन बी -
विटामिन सी -
विटामिन-ई -

इन्सुलिन के पौधे का उपयोग कैसे किया जाता है और इसके क्या लाभ हैं? Insulin Plant Benifits in Hindi

इनके से सेवन  कुपोषण एवं आखों की समस्या से निजात मिलती है.  कियोकंद की पत्तियां, तना और प्रकंद का उपयोग मधुमेह, सर्दी-खाशी, नजला-जुकाम से उत्पन्न बुखार के उपचार हेतु किया जाता है। यह ह्रदय के लिए लाभकारी तथा शीतल प्रभाव वाला माना जाता है। केवकंद को ताकत और ऊर्जा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके कंद का चूर्ण को शक्कर के साथ सेवन करने से लू और गर्मी से राहत मिलती है।

कियोकंद के राइजोम एवं तने में डायोस्जेनिन और टिशोजेनिन  नामक रसायन पाए जाते है। इसके कंद, तना और पत्तियों में क्रमशः 396, 83 व 70 % डायोस्जेनिन पाया जाता है। 

डायोस्जेनिन द्रव्य का उपयोग स्टीयराइड हार्मोन तैयार करने में किया जाता है।इंसुलिन पौधा प्रकृति की ओर से मधुमेह के रोगियों को एक अनमोल उपहार है। इस पौधे की पत्तियां खाकर शरीर में शुगर के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है।

इसके सेवन से मधुमेह रोगियों को इन्सुलिन के इंजेक्शन लगवाने की आवश्यकता नहीं पडती। घरेलु उपयोग के लिए इसके पौधों को गमलों में लगाया जा सकता है. व्यवसायिक रूप से इन्सुलिन पौधा अर्थात कियोकंद की खेती करके लाखों रूपये का मुनाफा अर्जित किया जा सकता है. बाजार की नर्सरियों में इसके पौधे 30 से लेकर 100 रूपये तक बेचे जा रहे है. इसकी पत्तियों का पाउडर 500 से 1000 रूपये प्रति किलो की दर से विभिन्न कम्पनियों द्वारा ऑनलाइन बेचा जा रहा है. 

ऐसा माना जाता है की डायबिटीज  (type-2) से पीड़ित व्यक्ति इसकी एक ताजा पत्ती का नियमित सेवन करें तो इस खतरनाक रोग से मुक्ति मिल सकती है. प्राकृतिक रूप से जंगलों में पाए  जाने वाले मधुमेह नाशक इस पौधे के व्यापारियों  द्वारा  अत्यधिक दोहन  से यह संकटग्रस्त प्रजाति में आ गई है. इन्सुलिन प्लांट   अर्थात कियोकंद के पौधों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए इसकी खेती एवं प्रसारण की महती आवश्यकता है।

लेखक- डॉ गजेन्द्र सिंह तोमर

इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय, राज मोहिनी देवी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसन्धान केंद्र,
अंबिकापुरा

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