प्राकृतिक तरीके (सहजन एवं अजवाइन के बीज) से शुद्ध किया गया जल कत्रिम तरीके से शुद्ध किये गए आर ओ वाटर से अधिक फायदेमंद | How to purify Drinking Water
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How to purify water with deshi trick |
सहजन (ड्रम स्टिक) एवं अजवाइन के उपयोग एवं लाभ से आप सब परिचित होंगे परन्तु इनके बीजों से प्राकृतिक तरीके से जल का शुद्धिकरण भी किया जा सकता है, शायद न जानते होंगे. इनसे किया गया जल शुद्धिकरण सेहत के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है. रासायनिकों मसलन फिटकरी, क्लोरीन की गोलियों से किया गया जल शुद्धिकरण अथवा आर ओ मशीन एवं बिसलेरी जल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सिद्ध हो रहा है।| how can we purify drinking water
जल ही जीवन है लेकिन अशुद्ध जल हमारे जीवन को जोखिम में डाल देता है। शुद्ध पेय जल के अभाव में प्रति वर्ष लाखों लोग काल के गाल में समा जाते है अथवा गंभीर रोगों का शिकार हो जाते है। आजकल धनाड्य एवं मध्यम वर्ग के लोग आर ओ मशीन का पानी धडल्ले से पी रहे है, जिसे सेहत के लिए हितकारी नहीं कहा जा सकता है। नगर निगम भी पानी की टंकी अथवा जल स्ट्रोटों में क्लोरीन की गोलिया/फिटकरी आदि रासायनों से जल शुद्धिकरण कर जनता को पेय जल मुहैया करा रही है। यह जल भी सेहत के लिए फायदेमंद नहीं है। प्राकृतिक तरीके से भी शुद्ध जल प्राप्त किया जा सकता है।
सहजन के बीज से जल शुद्धिकरण
सहजन के बीजों का पाउडर जल में घुलनशील निलंबक सत्व के रूप में प्रयुक्त किया जा सकता है। सहजन (मुनगा) के बीज पाउडर से अशुद्ध जल से 90 से 99.99 प्रतिशत जीवाणु समाप्त हो सकते हैं। इस विधि से केवल जल को पीने योग्य ही नहीं बनाया जा सकता है, बल्कि इससे जल की गंदगी भी 90 फीसदी से 99 फीसदी तक कम हो जाती है, क्योंकि यह पूर्ण जल में विद्यमान ठोस कणों के साथ मिलकर तले में बैठ जाती है। यह जल शुद्धिकरण की सरल एवं प्राकृतिक विधि है. इस प्रकार से उपचारित जल शुद्ध होने के साथ-साथ पोषक तत्वों से युक्त होता है जो हमारी सेहत के लिए लाभकारी होता है.
अजवाइन से भी पानी का शुद्धिकरण
सहजन के अलावा अजवाईन (मसाला) बीज से भी काफी हद तक अशुद्ध जल को पीने योग्य बनाया जा सकता है.दस लीटर पानी में एक चम्मच (10 ग्राम) अजवाइन डालने से पीने वाले पानी को शुद्ध किया जा सकता है। यही नहीं अजवाइन से पानी में एंटीबायोटिक गुण भी पैदा हो जाते है जो शरीर की बुखार, हैजे और खुजली से रक्षा करते है। अजवाइन डालने के 24 घंटे बाद पानी को छान कर इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इसके बाद नए पानी में पुनः एक चम्मच नई अजवाइन मिलाकर उसे शुद्ध किया जाता है।
लेखक- डॉ गजेन्द्र सिंह तोमर
इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय,
राज मोहिनी देवी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसन्धान केंद्र
अंबिकापुर