पेटेंट औषधियों का फार्मूला सेट करना
पेटेंट औषधियों का फार्मूला सेट करने से पहले हमें पेटेंट समझना आवश्यक होगा, पेटेंट किसे कहते हैं?
पेटेंट क्या है?
कई घटकों का मिश्रण जब किसी विशेष आर्गन (तंत्र) पर कार्य करता है तो उसे पेटेंट कहते हैं। जैसे श्वशन तंत्र, पाचन तंत्र, मूत्रजनन तंत्र तंत्रिका तंत्र आदि
फार्मूला सेट करना
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पेटेंट औषधियों का फार्मूला सेट करना |
फार्मूला सेट करते समय निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना होता है:-----
(१) प्रभावित अंग
(२) प्रभावित अंग की रोग तीब्रता
(३) प्रभावित अंग से संबंधित अन्य अंग
(४) प्रभावित अंग के कॉम्प्लिकेशन
(५) प्रभावित अंग का अन्य अंगों पर प्रभाव
(६) जड़ी बूटियों की विषाक्ता तथा अन्य जड़ी बूटियों से सम्बन्ध ।
(७) पेटेंट में प्रयोग होने वाला वहिकल या तो औषधीय गुण मुक्त होने चाहिए या न्यूनतम औषधीय गुण युक्त होने चाहिए।
(८) वहिकल यदि औषधि गुण युक्त है तो वह गुण प्रभावित अंग के अनुकूल होना चाहिए।
पेटेंट का फार्मूला सेट करते समय इस बात का ध्यान रखा जाता है कि जो अंग अधिक प्रभावित है उसको नार्मल करने का फार्मूला सेट किया जाए। इसके अतिरिक्त प्रभावित अंग से दूसरे कितने अंग प्रभावित हो सकते हैं उनकी भी औषधियां शामिल की जानी चाहिए। कितने अंग प्रभावित हो चुके हैं उनको भी औषधियों की आवश्यकता होती है इसलिए उनकी भी औषधियां पेटेंट में शामिल होनी चाहिए।
इलेक्ट्रो होम्योपैथिक पेटेंट और मूल औषधियों में अंतर
इलेक्ट्रो होम्योपैथिक मूल औषधि
मूल औषधि का कार्यक्षेत्र बहुत अधिक होता है डायलूशन भेद से इसमें एक ही औषधि विभिन्न तंत्रों व अंगों पर में काम करती है। इसके डायलूशन बनाए जाते हैं।इलेक्ट्रो होम्योपैथी पेटेंट औषधि
कई मूल औषधियों को मिलाकर पेटेंट औषधि तैयार की जाती है। 90% पेटेंट औषधि जिस तंत्र के लिए बनी होती है उसी पर काम करती है इसके डायलूशन 99 %नहीं बनाए जाते हैं।जागरूकता के लिए प्रश्न
क्या इलेक्ट्रो होम्योपैथिक मूल औषधियां पेटेंट है?नहीं ,इलेक्ट्रो होम्योपैथिक मूल औषधियां पेटेंट नहीं है एक औषधि कई तंत्रों वह अंगो पर काम करती है उसके डायलूशन बनाए जा सकते हैं।
नोट:----यहा एक बात और स्पष्ट कर देना चाहते हैं इलेक्टो होम्योपैथी की कांप्लेक्स मेडिसिन पेटेंट नहीं है वह कॉन्बिनेशन है उन्हें पेटेंट की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है।