इलेक्ट्रो कांम्प्लेक्स मेडिसिन
इलेक्ट्रो होम्योपैथी की सरल, इकोनामिक और शीध प्रभाव कारी सस्ती दवाएं।
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इलेक्ट्रो होम्योपैथी काम्प्लेक्स मेडिसिन |
(1) S4--(S2+Ven1)
यह औषधि किडनी व यूरीनरी ब्लाडर संबंधी रोगों में उपयोग करने पर अच्छी लाभकारी सिद्धि होती है। इसके अतिरिक्त कैंसर, मेटाबॉलिज ,चर्म रोग लीवर गैस्ट्रिक ग्लैंड इंटेस्टाइनल म्यूकस मेंब्रेन और कॉन्स्टिपेशन पर काम करती है।
डाइल्यूशन भेद से इस औषधि की कार्य क्षमता बहुत अधिक है । समस्त प्रकार के गुप्त रोगों में सबसे पहले इसी का प्रयोग करना चाहिए ।
(2) S7----(A1+S1)
समस्त प्रकार की नवीन सूजन , आमाशयिक ग्रंथियों तथा म्यूकस मेंब्रेन पर इसका प्रभाव होता है यह औषधि शक्ति दायक और हृदय को बल देने वाली है । दर्द नाशक, रक्त शोधक, चाप (बी.पी) को नियंत्रित करने वाली। डायबिटीज को नियंत्रित करने वाली है तथा विभिन्न प्रकार के डायलूशनों का प्रयोग कर इस औषधि से अच्छी सफलता प्राप्त की जा सकती है।
इस औषधि का मुख्य प्रभाव आर्टरी तथा मेटाबॉलिज्म पर होता है।
(3) S8---(S1+A3)
यह औषधि मेटाबॉलिज्म, एनीमिया, हृदय संबंधी रोग, डायबिटीज, भोजन में अरुचि, भूख न लगना, ब्लड प्रेशर अनियंत्रित रहना आदि अनेक प्रकार के रोगों में डाइल्यूशन भेद अच्छा काम करती है।
(4) S9-----(F1+S5)
यह औषध नर्व संबंधी रोगों के लिए लाभदायक है खासकर गैस्टिक और इंटेस्टाइनल कैनाल के लिए, इसके अतिरिक्त लीवर पित्त के लिए यह विशेष औषधि मानी जाती है। डायलूशन भेद से यह औषधि ज्वर, फैटी लीवर, कॉन्स्टिपेशन चर्म रोग आदि के लिए लाभकारी है।
(5) P5---(C5 + P2+Ven)
विभिन्न प्रकार की नर्व संबंधी रोग, पैरालाइसिस ,ज्वर, दर्द, विभिन्न प्रकार के गिल्टियों का बढ़ना कैंसर चर्म रोग फोड़े फुंसी आदि मैं यह औषधि उपयोगी है।
(6) P6----(P1+C5)
यह औषधि श्वसनतंत्र की व्यवस्था को ठीक करती है जैसे सर्दी, जुकाम, नाक बहना, नाक बंद होना। फेफड़े में कैंसर होना फेफड़े में सूजन होना फेफड़े में ब्लड का रुक जाना टीवी खांसी में ब्लीडिंग आदि । इस औषधि के विभिन्न प्रकार के डायलूशनो का प्रयोग करना चाहिए।
(7) P7--(A1+C5+P2)
यह औषधि श्वसन तंत्र में सूजन होने जैसे फेफड़ों मे ट्रेकिया में विंड पाइप में। इसके अतिरिक्त खांसी आना, फेफड़ों में जख्म हो जाना, टीवी के गंभीर रूप प्रकट हो जाना। सांस फूलना फेफड़ों से ब्लीडिंग होना आज में लाभकारी डायलूशन भेद से है।
(8) P8--(F1+C5+P2)
टीवी की गंभीर अवस्था जिसमें पेशियन्ट को बुखार बना हो फेफड़ों से खून आता हो खांसी आती हो शरीर कमजोर हो गया हूं यह औषधि काफी लाभकारी है इसके अतिरिक्त श्ववसन तंत्र के विभिन्न प्रकार के कैंसर, ट्यूमर मे यह औषधि डायलूशन भेद से लाभकारी है।
(9) P9--(F1+P1+C5)
पुरानी ब्रोंकाइटिस फेफड़ों से पानी निकलना, टेंपरेचर बना रहना तथा श्वसन तंत्र की गंभीर परिस्थितियों में इसका प्रयोग करना चाहिए। जब उपरोक्त औषधियों से कोई लाभ न हो तब इसको ट्राई करना चाहिए।
(10) C7---(C5+A2)
यह औषधि विभिन्न प्रकार के पुराने रोगों में उपयोगी है। जिनमें नसों में खून भर जाता है। शिराए गांठों में बदल जाती है। शिराओं रक्त में भर जाता है। जैसे वेरीकोज वेंस, पाइल्स आदि।
इसके अतिरिक्त विभिन्न प्रकार की गांठों लीवर रुमेटिक अर्थराइटिस, स्पॉन्डिलाइटिस, चर्म रोग, दर्द डायबिटीज श्वसन रोग ब्लीडिंग आदि में भी उपयोगी है
(11) C8--(F1+S2+C10)
इस औषधि का प्रभाव विभिन्न प्रकार की गांठों, म्यूकस मेंब्रेन ,गैस्ट्रिक ग्लैंड, इंटेस्टाइनल सिस्टम, लीवर, प्रेंक्रियाज, गट (Gut), Portal vein , बडीआंत लिंम्फ नोड, तथा Abdominal organs अर्थात यह औषधि गैस कब्ज, डायबिटीज, दस्त इन्डाइजेशन कर्णमूल (मम्स), लिंफोमा, चर्म रोग, एलर्जी, पेट दर्द, फीवर, तथा पेशाब के रोगों में उपयोगी है। इस औषधि के डाइल्यूशन भेद से बहुत लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं।
(12) C9---(S1+C5+A3)
यह औषधि मेटाबॉलिज्म ठीक करती है तथा एंजाइम, विटामिन हारमोंस को बॉडी में तब संतुलित करती है बॉडी देखने में ठीक लगती है लेकिन अंदर से बीमारी की फीलिंग करती है । शरीर में कोई रोग नहीं मिलता है। उस समय यह औषधि बॉडी को ठीक करती है। यह शरीर के विभिन्न प्रकार के लिंफ आर्गन, गलैंड्स रक्त कोशिकाओं आदि पर अपना प्रभाव रखती है।
(13) C11--( S5+C5+L1+A2)
यह औषधि रक्त संस्थान, लीवर, गाल ब्लैडर , (पित्ताशय ) शुक्राशय, स्किन और मसिल्स पर काम करती है । यह औषधि शरीर में यूरिक एसिड को कम करती है इसलिए गठिया और रोमेटिक अर्थराइटिस में लाभकारी है। इसे आंतरिक और बाहरी दोनों प्रयोग किया जाता है।
(14) C12--(A1+C1+C14)
यह औषधि म्यूकस मेंब्रेन और गाठों की नवीन सूजन के लिए लाभकारी है। किस प्रकार यह औषधि गर्भाशय और टॉन्सिल के लिए उपयोगी है।
(15) C14--(F1+C13+A3)
यह औषधि एक्यूट फैरिंगजाईटिस, फीवर गले की खराश खांसी टॉन्सिल आदि में लाभकारी है।
(16) C16---(S1+C15+A3)
इस औषधि का प्रभाव अमाशय पर है यह गैस्ट्रिक जूस को संतुलित बनाए रखती है तथा तथा भोजन का पाचन करती है तथा कैंसर आदि मैं लाभकारी है।
(17) Ven2--(S2+C17+Ven1)
यह औषधि मूत्राशय और म्यूकस मेंब्रेन पर अपना प्रभाव रखती है इसलिए यूरिनरी ब्लैडर का कैंसर, पेशाब में जलन, तथा जुकाम की स्थिति में नाक से पानी जैसा पदार्थ बाहर आने में लाभकारी है।
(18) Ven3---(C5+A2+Ven1)
यह औषधि शरीर की सूजन में उपयोगी है सूजन चाहे बाहरी भागों में हो या आंतरिक भागो में सभी में औषधि कारगर है। डायलूशन भेद से यह औषधि अच्छा काम करती है।
(19) Ven4---(Vermi1+A2+ Ven1)
इस औषधि को आंतरिक और वाह्य दोनों प्रयोग किया जाता है। यह औषधि Venerio 2 की तरह उपयोगी है
(20) Ven5---(S5+A3+C3+Ven)
(21) L2-----(S1+L1+A3)
नोट:--अधिक प्रभाव कारी कॉन्बिनेशन है इनके उच्च डाइल्यूशनो के अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं।