ब्लड और औषधि की विस्कोसिटी में संबंध

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ब्लड और औषधि की विस्कोसिटी में संबंध

पहले हम  Viscosity (सांध्रता) समझ लेते हैं यह क्या होती है? किसी चीज में जितना चिपचिपापन या घनापन  होता है उसे वस्तु की सांद्रता कहते हैं। इसे कुछ हद तक आवश्यकता के अनुसार घटाया या बढ़ाया जा सकता है। लेकिन जब नेचुरल सांद्रता में बैलेंस बिगड़ जाता है तो वहां पर कठिनाई होने लगती है।

ब्लड की सांद्रता

शरीर में ब्लड की एक प्राकृतिक सांद्रता होती है यदि रेंज से ब्लड की सांद्रता कम हो जाए या अधिक हो जाए तो हमारे जीवन के लिए खतरा पैदा हो जाता है। जैसे ब्लड में हीमो ग्लोबिन की मात्रा कम हो जाए तो कमजोरी और बढ़ जाय  तो हार्ट अटैक की संभावना हो जाती है। अतः ब्लड की नेचुरल सांध्रता बनी रहनी चाहिए।

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  ब्लड और औषधि की विस्कोसिटी में संबंध

इसी तरीके से ब्लड में शुगर की एक नेचुरल सांध्रता होती है यदि यह सांध्रता मानक से कम हो जाए तो भी परेशानी हो जाती है यदि मानक से अधिक हो जाए तब भी परेशानी होती है । अतः नेचुरल सांध्रता का होना आवश्यक है।
इस सांध्रता को हम आवश्यकतानुसार घटाया बढ़ा दी सकते हैं। जैसे आयरन युक्त चीजें लेने से हिमोग्लोबिन बढ़ जाता है और कुछ दूसरे रसायन वा हर्व  लेने से हीमोग्लोबिन कम हो जाता है।
इसी तरीके से चीनी की मात्रा अधिक लेने से ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ जाती और कुछ कर लेने से मात्रा घटती जाती आता विस्कोसिटी को हम कुछ हद तक बढ़ावा घटा सकते हैं।

हिमोग्लोबिन के अतिरिक्त और बहुत सी चीजें (हार्मोन, एंजाइम्स ,विटामिन्स, मिनिरल्स  आदि) होती है जो ब्लड की सांद्रता को घटाती बढ़ाती रहती हैं।

दवा की सांध्रता

मानव जगत में बहुत सारी वस्तुओं व उनके रूपों को औषधि के रूप में मनुष्य प्रयोग किया जाता है। कहीं रसायन के रूप में, कहीं वनस्पतियों के रूप में, कहीं जीव जंतुओं के अंगों के रूप में, कहीं जंतुओं के उत्सर्जी स्रावो के रूप में अनेक रूपों में आदि।

मनुष्य औषधि के रूप में कहीं स्थूल रूप में वस्तुओं का प्रयोग करता है तो कहीं सूक्ष्म रूप में वस्तुओं का प्रयोग करता है। आयुर्वेद यूनानी एलोपैथी आदि मे औषधि स्थूल रूप में प्रयोग की जाती है। होम्योपैथी और इलेक्ट्रो होम्योपैथी में औषधि सूक्ष्म रूप में प्रयोग की जाती है।

इस प्रकार हम देखते हैं कि सभी औषधियों की साध्रता अलग-अलग होती और सभी औषधियां शरीर में जाकर काम करती है। कभी-कभी तो यह भी देखा जाता है एक पेशेंट एलोपैथी, आयुर्वेद, होम्योपैथी, और इलेक्ट्रो होम्योपैथी की औषधियां अलग-अलग लोगों के लिए एक साथ प्रयोग करते हैं और कोई नुकसान नहीं होता है। बल्कि सभी सभी और सभी को ग्रहण कर उचित प्रणाम देता है कभी-कभी एक पैथी को छोड़कर पेशेंट दूसरी, तीसरी, चौथी में जाता है और औषधियो का सेवन करता है और कोई नुकसान नहीं होता है।

होम्योपैथी और इलेक्ट्रो होम्योपैथी की औषधियों की सांध्रता क्या होती है आप लोगों के सामने यह एक प्रश्न खड़ा होता है। स्पैजिरिक , मदर टिंचर, डायलूशन या पोटेंसी औषधि की सांध्रता को दर्शाता है जैसे होम्योपैथी में 30, 200, 1M,10M, 50M, CM आदि औषधि की सांध्रता दर्शाते हैं। इसी तरीके से इलेक्ट्रो होम्योपैथी में D स्केल C स्केल M स्केल LM स्केल की अपनी अपनी सांध्रता होती है।
यह सभी और सबसे मनुष्य के द्वारा प्रयोग की जाती है और लाभकारी साबित होते हैं। 

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