ग्लौसाइटिस क्या है इलेक्ट्रो होम्योपैथी में ग्लौसाइटिस का उपचार Electro Homeopathy treatment of Glossitis in Hindi
जीभ शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जो हमारे स्वास्थ्य की दिशा और दशा को बदल देता है। हम विभिन्न प्रकार के खानपान का स्वाद जीव के द्वारा ही पता लगाते हैं जीभ एक टेस्ट डिटेक्टर (स्वाद की पहचान करने वाला) अंग है। इतना ही नहीं जीभ कई बीमारियों के मामले में अलर्ट भी करती है। स्वास्थ्य संबंधी शरीर में गड़बड़ी आते ही जीभ के रंग में परिवर्तन होने लगता है इसी कारण जब भी रोगी डॉक्टर के पास जाता है तो कई बार डॉक्टर टॉर्च लगाकर जीप को चेक करता है।
आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम जानेंगे ग्लौसाइटिस के बारे में, ग्लौसाइटिस एक ऐसी समस्या है जिसमें जीभ में सूजन हो जाती है सूजन के कारण जीभ में चिकनाहट हो जाती है। और दर्द का आभास भी होता है।
ग्लौसाइटिस के प्रकार Types of Glossitis
ग्लौसाइटिस कई प्रकार के होते हैं:-
एक्यूट ग्लौसाइटिस- इस प्रकार की जीभ की सूजन कभी भी हो सकती है। ऐसा एलर्जी की रिएक्शन के कारण होता है जीभ में सूजन, जलन हो सकती है।
क्रॉनिक ग्लौसाइटिस- क्रॉनिक ग्लौसाइटिस ऐसी समस्या है जो पहले से हुई किसी बीमारी के कारण हो सकती है और बार-बार हो सकती है।
एट्रोफिक ग्लौसाइटिस- इस प्रकार के ग्लौसाइटिस में जीभ के ऊपरी सतह पर मौजूद स्वाद कणिकाएं (जीभ पर उभरे छोटे छोटे दाने) खत्म हो जाते हैं और जीभ सूजन के साथ चिकनी हो जाती है। कई प्रकार के पोषक तत्व जैसे राइबोफ्लेविन Riboflovin, नियासिन Niacin, विटामिन B12, फोलिक एसिड Folic Acid, आयरन Iron, जिंक Zinc, पैरिडोक्सिन Pyridoxine आदि की कमी से ऐसा होता है। (पढ़ें: स्केबीज क्या है
ग्लौसाइटिस के लक्षण Symptoms of Glossitis
- जीभ में सूजन एवं दर्द
- जीभ में जलन होना
- जीभ में खुजली होना
- भोजन करने में समस्या होना
- बात करने में समस्या होना
- आवाज में बदलाव
- जीभ में लालिमा
जीभ में सूजन के कारण Causes of Glossitis
- ज्यादा मसालेदार खाद्य पदार्थ का सेवन
- धूम्रपान या शराब का सेवन
- विटामिन B12 की कमी
- अन्य पोषक तत्वों की कमी
- परनीसीयस एनीमिया के कारण
- संक्रमण के कारण (बैक्टीरियल वायरल फंगल)
- किसी दवा के प्रभाव से
- फूड प्रोडक्ट की एलर्जी के कारण
- अन्य प्रकार की एलर्जी से
जीभ में का परीक्षण Diagnosis in Glossitis
ग्लौसाइटिस की जांच के लिए रोगी की खानपान और रहन-सहन की हिस्ट्री जानने व मुँह की जांच के बाद आवश्यकता अनुसार नियमित जांच की आवश्यकता हो सकती है
ब्लड टेस्ट
सलाइवा की जांच
बचाव के उपाय Prevent in Glossitis
ग्लौसाइटिस से बचाव के लिए हमें अपनी जीवनशैली, खानपान में कुछ बदलाव लाना चाहिए।
पेट को दुरुस्त रखना चाहिए इसके लिए फाइबर युक्त भोज्य पदार्थ अधिक सहायक हैं।
संतुलित मात्रा में पौष्टिक आहार लेना चाहिए
एसिडिक चीजों के सेवन से बचना चाहिए
धूम्रपान मदिरापान नहीं करना चाहिए
रोजाना काम से कम 3 से 4 लीटर पानी पीना चाहिए
सर्दियों में गुनगुना पानी पीना चाहिए
मुंह को साफ रखना चाहिए कुछ खाने के बाद कुल्ला अवश्य करना चाहिए
ब्रश रोजाना करना चाहिए
भारी मात्रा में एक साथ खाने की बजाय उसे कई बार मे थोड़ी मात्रा में और चबा चबाकर खाना चाहिये।
जीभ में सूजन की इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा Electro Homeopathy treatment of Glossitis
S1/S2 ― D4 खाने से पहले 10 बून्द 3 बार
S10 + C10 + ― D4 खाने के बाद बून्द 3 बार
L1 + A3 + WE ― D6/ D10 की 10-15 बूंद दिन में 4-5 बार