फिस्टुला Fistula भगंदर रोग, कारण, लक्षण
कुदरत की बनाई हुई हर चीज अपने आप में बेजोड़ है विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे, जीव जंतु और सभी के जीवन चक्र को नियमित करने की व्यवस्था। है ना कमाल! इन सब में श्रेष्ठ जीव मानव जो धरती पर उत्पन्न होने के बाद से ही अपनी श्रेष्ठ बुद्धि के बल पर प्रकृति के बनाए हुए चीजों पर अनुसंधान कर के नए-नए प्रयोग करके बदलने की कोशिश में लगा है।
आप इसे भी पढ़ सकते हैं :
जिसमें कई क्षेत्रों में सकारात्मक तो कहीं-कहीं नकारात्मक परिणाम भी देखने को मिलते हैं इसी के चलते खानपान में कई प्रकार के बदलाव, रहन-सहन में परिवर्तन के कारण मानव शरीर के अंगों में कई प्रकार की समस्याएं आ जाती हैं जिनका समय रहते ध्यान न देने के कारण यह बहुत कष्ट दाई हो जाती हैं। आज की इस पोस्ट के माध्यम से मानव जगत की एक ऐसी समस्या पर बात करेंगे जिसका नाम है भगंदर या फिस्टुला (Fistula)।
- भगंदर Fistula क्या है
- भगंदर (Fistula) के कारण
- भगंदर (Fistula) के प्रकार
- भगंदर (Fistula) की लक्षण
- भगंदर (Fistula) से बचाव कैसे करे
- भगंदर (Fistula) में इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा
भगंदर (Fistula) एक ऐसी समस्या है जिसमें दो अंग या नसें आपस में जुड़ जाती हैं जो कि प्राकृतिक नहीं है। ऐसा गुदा क्षत्र के आसपास के अंगों या नसों में जोड़ हो जाने के कारण होता है जिससे गुदा के क्षेत्र में पस और खून का रिसाव होने लगता है इस प्रकार के इंफेक्शन से गुदा मार्ग या गुदा मार्ग के आसपास फोड़े बन जाते हैं। यह स्थित बहुत जटिल और दर्दनाक होती है।
आप इसे भी पढ़ सकते हैं :
अतः गुदा क्षेत्र के आसपास फोड़ा होने की प्रथम अवस्था में ही इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है नहीं तो यह फोड़े पस फैलाकर और कई फोड़ों को आपस में मिलाकर भगंदर (Fistula) का निर्माण करते हैं। जिस के कारण रोगी को मल त्याग करने के दौरान भयंकर दर्द की स्थिति से गुजरना पड़ता है।
भगंदर (Fistula) के कारण
मधुमेह
पाचन संबंधी समस्याओं के कारण
क्रोहन रोग के कारण पढ़ें क्रोहन रोग क्या है?
गुदा के आसपास हुई रेडिएशन थेरेपी के कारण
गुदा के आसपास हुई सर्जरी के कारण
आंतों में सूजन के कारण
कब्ज
शराब, धूम्रपान के अत्यधिक सेवन के कारण
टी.वी या एचआईवी से ग्रसित रोगी में भगंदर (Fistula) होने की अधिक संभावना होती है।
आप इसे भी पढ़ सकते हैं :
भगंदर (Fistula) के लक्षण
गुदा में सूजन
कब्ज होना
बुखार, ठंड और थकान महसूस करना
मल त्याग करने में दर्द
गुदा क्षेत्र से बदबूदार पर पस, खून आना
गुदा में सूजन और बार-बार पस आने के कारण आसपास की त्वचा में जलन होना
भगंदर से बचाव कैसे कर सकते हैं?
भगंदर से बचाव के लिए कुछ टिप्स अपनाकर दोबारा भगंदर होने से रोका जा सकता है।
खानपन में बदलाव– खाने में फाइबर की मात्रा बढ़ानी चाहिए खासकर फलों और सब्जियों का अधिक सेवन करना चाहिए जिससे मल को ढीला करने में मदद मिलती है।
तरल पदार्थों का सेवन– हमें तरल पदार्थों का सेवन अधिक करना चाहिए तरल पदार्थों के अधिक सेवन से कब्ज की समस्या से बचाव हो जाता है एवं माल भी मुलायम हो जाता है शरीर में पानी की मात्रा नियंत्रित रहती है।
मल को अधिक देर तक नहीं रोकना चाहिए
गुदा क्षेत्र को रखना चाहिए
शौच के समय स्वच्छ जल का उपयोग करना चाहिए (कभी-कभी किसी कारणवश खुले में शौच के लिए नाले गंदे तालाब केमिकल युक्त पानी का इस्तेमाल करते हैं जिससे बचने की आवश्यकता है।)
आप इसे भी पढ़ सकते हैं :
भगंदर में होने वाली जांच
गुदा क्षेत्र का एक्सरे
गुदा क्षेत्र का सीटी स्कैन
कोलोनोस्कोपी
भगंदर (Fistula) रोग में इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा
S5 + C5 + A2 + F1 + GE ― D6 से D30 की दस बून्द का दिन में चार बारS2 + Ven1 + BE ― D6 से D30 की दस बून्द का दिन में चार बार
Slass + C10 + Ver1 ― D4 की 10-15 बून्द रात में सोते समय हल्के गुनगुने पानी के साथ
C5 + GE ― बाहरी प्रयोग के लिए
अगली पोस्ट में किस बीमारी पर चर्चा की जाए नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अवश्य लिखें।
Join for get notification of new post..............