एसिडिटी की समस्या पाचन तंत्र से संबंधित विकार है जिसमें ज्यादा सवदालोलुप होने के चलते हमें क्या खाना चाहिए कब खाना चाहिए या कितना खाना चाहिए इसकी परवाह किए जब निरंतर इस क्रिया को दोहराते हैं तो परिणाम स्वरूप पेट संबंधी समस्या होने लगती है।
आज की पोस्ट के माध्यम से बात करेंगे एसिडिटी के बारे में, एसिडिटी जिसे आयुर्वेद में अम्ल पित्त कहा जाता है। मॉडर्न मेडिकल साइंस या अंग्रेजी भाषा में गैस्ट्रोएसोफिजीयल रिफ्लक्स डिजीज Gastroesophageal Reflux Disease या एसिड रिफ्लक्स Acid Reflux कहा जाता है।
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एसिडिटी में इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा |
पेट की गैस्ट्रिक ग्लैंड में एसिड का निर्माण होता है जब इसकी मात्रा सामान्य से ज्यादा हो जाती है तो उस स्थिति को एसीडिटी Acidity कहा जाता है पेट में बनने वाला यह हाइड्रोक्लोरिक एसिड हमारे भोजन को तोड़ने में और पचाने में सहायक है।
एसिडिटी अक्सर खानपान की गलत आदतों, मदिरा सेवन, मांसाहार के अधिक सेवन, तीखे, मसालेदार सेवन की वजह से अक्सर हो जाया करती है। (पढ़े: एसिडिटी का अंत घरेलू उपचार से
एसीडिटी के लक्षण Symptoms of acidity
एसिडिटी होने पर निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं-
एसिडिटी या पेट में जलन के कारण
एसिडिटी होना एक आम समस्या है कभी भी किसी को भी हो सकती है एसिडिटी होने के निम्नलिखित कारण है
एसिडिटी या पेट मे जलन को कैसे रोका जा सकता है एसिडिटी से बचाव
जैसा कि ऊपर पहले ही बताया जा चुका है कि एसिडिटी की समस्या खान-पान के गलत तरीके से होती है तो हमें उन में बताओ बदलाव करने की आवश्यकता होगी।