वीर्य के साथ रक्त आना (Hematospermia)
By- Dr Ashok Kumar Maurya | November 30, 2021
वीर्य के साथ में ब्लड आना यह कोई स्वयं बीमारी नहीं है बल्कि दूसरी बीमारी का लक्षण मात्र है:----
इसके कई प्रकार हो सकते है
(1) संक्रमणवीर्य कोष , वीर्य नलिका , वीर्य निर्माण शाला (अंडकोश) प्रोस्टेट ग्लैंड ,Urethra आदि में किसी तरह का संक्रमण होने से रक्तस्राव होने की संभावना रहती है।
(2) ट्यूमरवीर्य नलिका वीर्य कोष प्रोस्टेट ग्लैंड इजाकुलेशन डक्ट आदि में ट्यूमर कैंसर होने से भी ब्लीडिंग हो सकती है ।
(3) प्रोस्टेट ग्लैंड की सर्जरी प्रोस्टेट ग्लैंड की सर्जरी होने के बाद भी ब्लीडिंग होने की संभावना हो सकती है ।
(4) सेमिनल वेसिकल्स मे आब्स्ट्रैक्शनसेमिनल वेसेल्स Seminal vesicle में किसी भी तरीके का आब्ट्रेक्शन ( रुकावट) होने से भी ब्लीडिंग होने की संभावना हो सकती है ।जनन अंगों में किसी तरीके की अंदरूनी चोट से भी वीर्य में रक्त आने की सम्भावना बन सकती है ।
40 वर्ष से कम आयु में वीर्य में रक्त एक आध बार आने पर कोई चिंता की बात नहीं होती लेकिन 40 वर्ष से अधिक आयु में रक्त आने पर चिंता का विषय बनती है क्योंकि इस समय बीमारियां बढ़ने का संभावना बढ़ जाती है।
Hematospermia के लक्षण
पेशाब में जलन , दर्द , रुक रुक कर पेशाब होना, कम होना बार बार होना , आदि अनेक लक्षण हो सकते हैं। दर्द जांघों तक जा सकता है।
चिन्ह वीर्य में रक्त के धब्बे दिखाई देते हैं । रक्त केमिस्ट्री में इसकी पुष्टि हो जाती है।
डायग्नोसिस
अल्ट्रासाउंड ,सीटी स्कैन, ब्लड जांच आदि से इसकी डायग्नोसिस की जा सकती है ।
चिकित्साजैसा कि हमने पहले ही बताया है कि वीर्य में रक्त आना स्वयं अपने में कोई बीमारी नहीं है। यह किसी दूसरी बीमारी का लक्षण होता है । जिसके कारण से वीर्य में रक्त आता है उस कारण का ट्रीटमेंट करना चाहिए वीर्य में आना अपने आप ठीक हो जाएगा ।
जख्मयदि कहीं पर होने की डायग्नोसिस होती है तो जख्म ठीक करने के लिए उचित औषधि का प्रयोग करना चाहिए
ट्यूमर /कैंसरयदि कहीं पर कैंसर ट्यूमर की डायग्नोसिस होती है तो वहां पर कैंसर/ट्यूमर की औषधियां उचित डायलूशन के साथ प्रयोग करना चाहिए ।
अवरोधयदि कही अवरोध का इतिहास मिलता है तो उसे उचित चिकित्सा द्वारा हटाना चाहिए।
अल्ट्रासाउंड ,सीटी स्कैन, ब्लड जांच आदि से इसकी डायग्नोसिस की जा सकती है ।
चिकित्सा
जैसा कि हमने पहले ही बताया है कि वीर्य में रक्त आना स्वयं अपने में कोई बीमारी नहीं है। यह किसी दूसरी बीमारी का लक्षण होता है । जिसके कारण से वीर्य में रक्त आता है उस कारण का ट्रीटमेंट करना चाहिए वीर्य में आना अपने आप ठीक हो जाएगा ।
जख्म
यदि कहीं पर होने की डायग्नोसिस होती है तो जख्म ठीक करने के लिए उचित औषधि का प्रयोग करना चाहिए
ट्यूमर /कैंसर
यदि कहीं पर कैंसर ट्यूमर की डायग्नोसिस होती है तो वहां पर कैंसर/ट्यूमर की औषधियां उचित डायलूशन के साथ प्रयोग करना चाहिए ।
अवरोध
यदि कही अवरोध का इतिहास मिलता है तो उसे उचित चिकित्सा द्वारा हटाना चाहिए।
नोट:--
(1) रोगी पहली बार वीर्य में रक्त दिखने पर भयंकर चिंता का विषय बनता है परंतु ज्यादातर यह स्वयं ठीक हो जाता है । यदि ठीक न हो रहा हो तो चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए ।
(2) मूत्राशय में पथरी होने से भी यह समस्या कभी कभी हो सकती है ।
(1) रोगी पहली बार वीर्य में रक्त दिखने पर भयंकर चिंता का विषय बनता है परंतु ज्यादातर यह स्वयं ठीक हो जाता है । यदि ठीक न हो रहा हो तो चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए ।
(2) मूत्राशय में पथरी होने से भी यह समस्या कभी कभी हो सकती है ।