मरास्मस रोग क्या है, लक्षण, कारण, इलाज और बचाव – What is Marasmus, Symptoms, Causes and Treatment in Hindi
बिना खाना बिन पानी किसी भी सजीव का जीवन संभव नहीं है स्वस्थ शरीर के लिए कई पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है और अगर इनकी कमी हो जाती है तो हमारा शरीर कई रोगों से गिर सकता है।
आज के लेख में इसी विषय से संबंधित चर्चा होगी वर्ल्ड इलेक्ट्रो होम्योपैथी वेब पोर्टल पर इस लेख को अंत तक ध्यान से पढ़ें हमारे लेखों को पढ़ने के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद!
एक स्वस्थ शरीर के लिए हमें आवश्यकता होती है बहुत सारे विटामिंस, खनिज लवण, मिनरल्स, पोषक तत्वों की जिन की पूर्ति से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है आज की इस कड़ी में हम मरास्मस रोग की चर्चा करेंगे यह रोग कैलोरी की कमी से होने वाली कुपोषण की समस्या है मरास्मस होने से शरीर के एडीपोज़ (Adipose Tissue) और मांसपेशियों को नुकसान हो सकता है इस रोग से बच्चे अत्यधिक मात्रा में प्रभावित होते हैं।
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मरास्मस के लक्षण Symptoms of Marasmus
इस बीमारी का प्रमुख लक्षण है वजन का अत्यधिक कम होना यानी अंडरवेट होना इस समस्या से पीड़ित बच्चों की मांसपेशियां और टिश्यू में तेजी से कमी होने लगती है जिसकी वजह से त्वचा रूखी हो जाती है और बाल भी कमजोर होकर टूटने लगते हैं अन्य लक्षणों में कुछ लक्षण निम्नलिखित हैं।
♂ लगातार चक्कर आना शरीर में ऊर्जा की कमी होना
♂ अच्छी तरह से शरीर का विकास नहीं होन
♂ बॉडी मास इंडेक्स BMI असामान्य रूप से कम कम हो जाना
♂ बार-बार संक्रमण होते रहना
♂ त्वचा का रूखा हो जाना
♂ लगातार बालों का गिरना
♂ क्रॉनिक डायरिया
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मरास्मस रोग के कारण Causes of Marasmus
जैसा कि पहले ही बताया जा चुका है कि यह रग मुख्यता पोषक तत्वों की कमी के कारण होता है। यह रोग उन बच्चों में होता है जिन्हें पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन कैलोरी कार्बोहाइड्रेट व अन्य पोषक तत्वों की कमी होती है यह सारी चीजें हमें भोजन से प्राप्त होती हैं पता है ऐसा मुख्य रूप से गरीबी व भोजन की कमी के वजह से होता है कुपोषण कई प्रकार का होता है। आमतौर पर कुपोषित बच्चों में इन चीजों की गंभीर कमी पाई जाती
● आयरन (Iron)
● आयोडीन (Iodine)
● जिंक (Zink)
●विटामिन ए (Vitamin A)
बचाव के प्रमुख प्रारम्भिक उपाय
मरीज को उबला हुआ स्वच्छ पानी पीना चाहिए।
हाइड्रेटेड रहने के लिए अधिक मात्रा में पानी का सेवन करना चाहिए।
खाद्य पदार्थों को अच्छी तरह पकाकर खाना चाहिए।
स्वस्थ और संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए।
माता-पिता या अभिभावक को पोषण संबंधी महत्व को समझना आवश्यक है, तथा खाद्य पदार्थों को ठीक से तैयार करने के बारे में जानना आवश्यक होता है।
कैलोरी, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और अन्य पोषक तत्व का अधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान और बच्चे के जन्म के दौरान कुपोषण को रोकने के लिए आवश्यक पोषण प्रदान करना चाहिए।
बच्चों को पोषण संबंधी कठिनाइयों से बचाने और प्रतिरक्षा में सुधार करने के लिए प्रत्येक माँ को बच्चे के जन्म के बाद 5 से 6 महीने तक स्तनपान कराना चाहिए।
बच्चों को निश्चित समय पर आवश्यक टीकाकरण कराया जाना चाहिए।
प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे: स्किम्ड दूध (skimmed milk), अंडे, मछली, नट्स इत्यादि का अधिक मात्रा मे सेवन करना चाहिये, इत्यादि।
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मरास्मस का इलेक्ट्रो होम्योपैथी उपचार Electro homeopathic treatment of Marasmus
S1 + L1 + A3 + Ven1 + Ver1 ― D4 की 3-10 बूंद दिन में 3 बार भोजन से पहले
S10 + C4 + F1 + WE ― D4 की 3-10 बूँद दिन में 4 बार