What is Diphtheria In Hindi – डिप्थीरिया या गलघोंटू रोग क्या है –
डिप्थीरिया एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो संक्रमण के द्वारा फैलता है। डिप्थीरिया कॉरीनेबैक्टीरियम डिप्थीरी नामक जीवाणु से होता है जो शरीर के ऊतकों और अंगों को नुकसान पहुंचाने के लिए एक शक्तिशाली विष छोड़ता है। यह मुख्यता नाक और गले की श्लेष्मा झिल्ली (Mucous Membrane) को प्रभावित करता है। छोटे बच्चों में इसका प्रभाव बहुत अधिक होता है।
डिप्थीरिया (Diphtheria) के लक्षण–
आमतौर पर डिप्थीरिया के लक्षण जुकाम के लक्षण जैसे ही दिखाई देते हैं लेकिन गले के अंदर एक ग्रे रंग की पदार्थ की मोटी परत का चढ़ना इसकी पहचान का मुख्य लक्षण होता है इस परत की मोटाई के कारण सांस लेने वाली नलिका में अवरोध उत्पन्न हो सकता हैं । इससे सांस लेने में समस्या उत्पन्न हो सकती हैं।
डिप्थीरिया के शुरुआती चरण में जुखाम, बुखार के लक्षण दिखाई देते हैं समस्या बढ़ने पर अन्य लक्षण भी दिखाई देने लगते हैं।
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Electro Homeopathic treatment of Diphtheria |
ठंड लगना बुखार आना
अस्वस्थ महसूस करना
खांसी में तेज आवाज आना
नाक बहना गला गंभीर ग्रंथियों की सूजन
गले में अवरुद्ध होने के कारण स्पष्ट आवाज ना निकल पाना
पसीना आना
त्वचा का रंग फीका पड़ना

डिप्थीरिया के कारण - Diphtheria Causes in Hindi
डिप्थीरिया एक संक्रमण की बीमारी है जो जीवाणुओं के संक्रमण से फैलती है। इस प्रकार के जीवाणु पीड़ित व्यक्ति के गले नाक मुंह में रहते हैं।
डिप्थीरिया की समस्या एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खांसने छींकने से फैलता है।
एक दूसरे के कपड़े के इस्तेमाल से भी यह हो सकता है।
बारिश के मौसम में इसका प्रभाव अधिक होता है।
डिप्थीरिया या गलघोंटू में इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा - Electro Homeopathic Treatment in Diphtheria
P3 + F1 + BE..............D6 10 से 15 बून्द दिन में 3 से 4 बार
C13 + VER1 + YE.......D6 10 से 15 बून्द बून्द दिन में 3 से 4 बार
–सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में बच्चों को डीपीटी (डिप्थीरिया, परटूसस काली खांसी और टिटनेस) का टीका लगाया जाता है। एक साल के बच्चे के डीपीटी के तीन टीके लगते हैं। इसके बाद डेढ़ साल पर चौथा टीका और चार साल की उम्र पर पांचवां टीका लगता है। टीकाकरण के बाद डिप्थीरिया होने की संभावना नहीं रहती है।

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