Electro homeopathic treatment in Piles, Hemorrhoids in Hindi
पाइल्स Piles और हेमोरॉयड्स hemorrhoids या बवासीर रोगी
आज के समय के बदलते हुए जीवन शैली में लोगों ने अपनी इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में कई बदलाव किए हैं जिसके कहीं तो कुछ अच्छे परिणाम भी हैं और कहीं बहुत सारे दुष्परिणाम भी देखने को सामने आए हैं इसी इसी कड़ी में लोगों के खानपन के बदलते चलन में शरीर को कई कष्टप्रद समस्याएं दी है जिसमें पेट से संबंधित बीमारियां मुख्य हैं और अगर हमारा पेट ही नहीं सही है।
कब्ज की समस्या को हमें साधारण नहीं लेना चाहिए क्योंकि यही समस्या धीरे-धीरे आगे चलकर बवासीर का रूप लेने लगती है वैसे तो बवासीर उम्रदराज लोगों की एक बीमारी है मगर आजकल के खानपान और जंक फूड जैसे पिज्जा तिल तेल युक्त अन्य चटपटे तीखे फूड चाऊमीन नूडल्स बर्गर के कर युवाओं और बच्चों में भी यह समस्या पाई जाने लगी है अगर हमें अगर हमें शौचालय जाने में शौच के समय तकलीफ होती है तो संभवत यह बवासीर के लक्षण है।
शौच करते समय ज्यादा दाब लगाने पर भी शौच ना होना और शौच के साथ खून आना यह रोग का मुख्य कारण है ।
इसे इंग्लिश में पाइल्स Piles और हेमोरॉयड्स hemorrhoids भी कहते हैं इस रोग में मरीज के गुदाद्वार में मस्से निकल आते हैं जो शौच करते समय रक्त स्राव के साथ बाहर आते हैं और अत्यधिक पीड़ा देते हैं।
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यह दो प्रकार के होते हैं अंदरूनी एवं बाहरी
अंदरूनी बवासीर
अंदरूनी बवासीर में मरीज के मलद्वार के अंदर के हिस्से में मस्से हो जाते हैं और मल त्याग करते समय यह मलसे रगड़ के कारण छिल जाते हैं जिससे मलद्वार से रक्त का रिसाव होने लगता है और बहुत ही अधिक पीड़ा होती है। अंदर के हिस्से में मस्से होने के कारण हम उनको स्पर्श नहीं कर सकते किंतु इस सूजन को और दर्द को महसूस कर सकते हैं।
बाहरी बवासीर
इस प्रकार के बवासीर में मस्से बाहर की ओर उभर आते हैं उसमें भीतरी मस्सों की तरह इतना दर्द तो नहीं होता पर शौच के समय मस्से पर रगड़ की वजह से बहुत अधिक खुजली होने लगती है और बहुत पीड़ा होती है सूजन को छूकर महसूस किया जा सकता है।
बवासीर के लक्षण
बवासीर होने पर मरीज को कई प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं जैसे
- गुदाद्वार के पास सूजन,
- गांठ या मस्से होना,
- गुदा के सभी ओर दर्द का महसूस होना और
- चिड़चिड़ा होना
- अंदरूनी दर्द होना,
- गुदाद्वार के आसपास खुजली होना ,
- शौच करते समय मलाशय या गुदा को चोट पहुंच सकती है ।
पाइल्स Piles और हेमोरॉयड्स hemorrhoids या बवासीर रोगी के खानपान संबंधी सुझाव-
बवासीर के रोगी को इस समस्या को दूर करने में खानपान का अहम योगदान होता है जिसमें उसे बवासीर से बचने के लिए हल्का और सुपाच्य भोजन करना चाहिए। हरी सब्जियों का अधिक उपयोग करना चाहिए। जिसमें तेल और मिर्च मसाले का उपयोग ना के बराबर ही करना चाहिए।
फलों में अंजीर पपीते, केले, ब्लैकबेरी ,जामुन से आदि का प्रयोग करना चाहिए, जीन सूखे मेवे जैसे बादाम और अखरोट जैसे आदि जिससे लोहे आयरन मिलता है प्याज अदरक लहसुन फायदेमंद है। शौच को मुलायम रखने के लिए द्रव या तरल पदार्थों का अत्यधिक सेवन करना चाहिए।
- बवासीर के बचाव के लिए मैदे से बनी हुई चीजों का बिल्कुल भी सेवन नहीं करना चाहिए।
- जंग फूड धूम्रपान शराब नहीं करना चाहिए
- दूध और दूध से बनी हुई चीजों का उपयोग भी नहीं करना चाहिए क्योंकि यह उत्पाद हमारे पेट में कब्ज की समस्या को बढ़ावा देते हैं जिस से बवासीर के रोगी की स्थिति खराब हो जाती है।
पाइल्स Piles और हेमोरॉयड्स hemorrhoids या बवासीर रोगी के लिए इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा
A2 + S10 + C5 + Ver1 + BE/GE...........D6
Slass + Ver1..........D4 in lukewarm water
C5 + A2 + BE/GE.............Cold Compress