स्टोमाटाइटिस (मुह के छालों) का इलेक्ट्रो होम्योपैथी इलाज | Electro Homeopathy Treatment of Stomatitis

स्टोमाटाइटिस (Stomatitis) treatment in hindi
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स्टोमाटाइटिस (Stomatitis) मुंह के छाले, माउथ अल्सर

स्टोमाटाइटिस (Stomatitis) नाम की इस समस्या में मुंह के अंदर के भाग में सूजन जलन और छोटे-छोटे  घाव हो जाते हैं।

कुछ मामलों में इसमें  मसूड़ों, होंठ, गले और जीभ में भी छाले पड़ सकते हैं। स्टोमाटाइटिस (Stomatitis) दो प्रकार के होते हैं।

(1) हर्पिस स्टोमाटाइटिस या ठंडे छाले  

(2) एफ्थस स्टोमाटाइटिस  या कैंकर छाले

Stomatitis treatment in Elcetro-Homeopathy


हर्पिस स्टोमाटाइटिस या ठंडे छालों का संक्रमण हर्पिस सिंपलेक्स वायरस1 (HSV1) के कारण होता है। जो समान्यता बच्चों में पाया जाता है। यह अक्सर 6 साल से 10 साल के बच्चों में होता है।

एफ्थस स्टोमाटाइटिस या कंकर छाले में मुंह के अंदर छोटे-छोटे घाव या छाले होते हैं जो जीभ, मसूड़े, और होंठ तक भी अपना प्रभाव डाल सकते हैं।

स्टोमाटाइटिस होने के अन्य कारण निम्न है:-

    ● मुंह के टिशू के सूख जान के कारण 

    ● आंतों में जलन के कारण 

    ● पेट में गड़बड़ी के कारण

    ●  विटामिन B12, फोलिक एसिड, आयरन या जिंक की कमी के कारण 

    ● अंग्रेजी दवाओं के प्रयोग के कारण 

    ● किसी हानिकारक केमिकल के संपर्क में आने के कारण

    ● ज्यादा गर्म पानी, चाय, और सूप पीने के कारण

स्टोमाटाइटिस के लक्षण

स्टोमाटाइटिस के लक्षण रोग के प्रकार और अंदरूनी कारणों के अनुसार भिन्न भिन्न हो सकते हैं 

कुछ मरीज में बस एक परेशान कर देने वाली स्थिति पैदा कर देते हैं। जबकि कुछ मरीजों में इसके लक्षण गंभीर भी हो सकते हैं जहां संक्रमित भाग में असहनीय दर्द और जलन होती है। जिस कारण मरीज ठीक से खा और पी भी नहीं पाता

यह भी पढ़े: Electro Homeopathic treatment of Tuberculosis or T.B  तपेदिक, टीबी या ट्यूबरकुलोसिस की इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा

स्टोमाटाइटिस में होने वाले कुछ आम लक्षण निम्नलिखित है

 – मुंह के भीतरी हिस्सों में छाले होना यह छाले , मसूड़ों, जीभ, और होंठ में हो सकते हैं।

 – मुंह के भीतरी भाग में दर्द व जलन होना 

 – छालों का रंग सफेद या लाल होना 

 – खाते समय दर्द व जलन होना

स्टोमाटाइटिस का परीक्षण

इसकी जांच में मरीज को सामान्यतया देखकर व मरीज के द्वारा बताए गए लक्षण से ही पता चल जाता है कि उसे स्टोमाटाइटिस की समस्या है पर फिर भी अगर जांच करवाने की आवश्यकता है तो निम्न जांच । निम्नलिखित जांच स्थिति के अनुसार करवाई जा सकती है।

     ● स्वैब टेस्ट बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण की जांच के लिए

     ● पैच टेस्ट एलर्जी संबंधी जांच के लिए 

     ● टिश्यू स्क्रेपिंग टेस्ट फंगल इंफेक्शन का पता लगाने के लिए 

     ● ब्लड टेस्ट मरीज के शारीरिक स्वास्थ्य की स्थिति का पता लगाने के लिए 

     ● कुछ गंभीर मामलों में बायोप्सी टेस्ट भी किया जा                          सकता है।

स्टोमाटाइटिस (Stomatitis) का इलेक्ट्रो होम्योपैथी इलाज

L2 + SL + C13 + WE  का पहला डायलुसन

या

F1+S1+A3+SL+YE पहला डायलुसन

या

C14+C10 +VER1 पहला डायलुसन

और

S1+C14+GE  से कुल्ला करें।

––––––––––––––––––––––––––––––––––––––––

A3+S2+C13....3rd

Slass+Ver1...2nd

C5+BE....Gargle

यह भी पढ़ें: Electro Homeopathy treatment of Typhoid disease टाइफाइड बीमारी में इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा


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