इलेक्ट्रो होम्योपैथी पैथी में रिपर्टरी की आवश्यकता है? Need Repertory in Electro Homeopathy Pathy?

इलेक्ट्रो होम्योपैथी पैथी में रिपर्टरी की आवश्यकता है? Need Repertory in Electro Homeopathy Pathie?
Please wait 0 seconds...
Scroll Down and click on Go to Link for destination
Congrats! Link is Generated

इलेक्ट्रो होम्योपैथी पैथी में रिपर्टरी की आवश्यकता है? Need Repertory in Electro Homeopathy Pathy?

इलेक्ट्रो होम्योपैथी पैथी में रिपर्टरी की आवश्यकता
इलेक्ट्रो होम्योपैथी पैथी में रिपर्टरी की आवश्यकता

रोग की डायग्नोसिस करने के बहुत से तरीके हैं जिनमें साइन और सिम्टम्स दो ऐसे हैं जो सबसे प्रमुख है। विदेशों के राइटर्स ने भी इस विषय पर अपनी सहमति जताई है। इस विषय पर बुक्स लिखी है । आयुर्वेद में भी चिन्ह और लक्षण को चिकित्सा शास्त्र में प्रमुखता दी है। माधव निदान व अन्य निदान की पुस्तकें  इसके देखी जा सकती है

प्रत्येक चिकित्सा शास्त्र में रोगी के लक्षण और चिन्ह देखकर ही रोग की पहचान की जाती है  परंतु कभी-कभी लक्षण और चिन्ह देखकर रोग की पहचान करना संभव नहीं होता है। ऐसी स्थिति में लैबोरेट्री फाइंडिंग की आवश्यकता होती है क्योंकि कई बीमारियों में साइन और सिम्टम्स एक जैसे ही होते हैं। ऐसी स्थिति में ब्लड टेस्टिंग , एक्स-रे , अल्ट्रासाउंड ,एम आर आई , सिटी स्कैन आदि से डायग्नोसिस करने में मदद ली जाती है।


यह भी पढ़ें : रिएक्सन, साइड इफेक्ट और एग्रावेसन
यह भी पढ़ें : डायलूशन बनाने के लिए सीजर मैटी किसी गोली का प्रयोग नहीं करते थे।

आधुनिक समय में  रोग को पहचानने में इनसे बहुत आसानी होती है और यह भी स्पष्ट हो जाता है कि रोग किस अंग में है। उसी अंग की चिकित्सा करने पर रोगी ठीक हो जाता है । लेकिन पुराने समय में न तो ब्लड टेस्टिंग की अच्छी टेक्नीक थी , न ही आज कल की तरह टेक्निकल मशीनें थी, जिससे डायग्नोसिस करने में काफी प्रॉब्लम होती थी ।

यदि कुछ विधियां थी भी तो वह आम पब्लिक की पहुंच से बहुत दूर थी । इसलिए होम्योपैथिक डॉक्टर आस्कर ई 0 विलियम बोरिक ने  एक पुस्तक तैयार थी । जिसे रिपर्टरी कहा जाता है इस पुस्तक में बीमारी से उत्पन्न होने वाले साईंन और सिम्पटम दिए गए हैं और उसी के आधार पर एक रिमेडी का चयन किया गया है । वहां भी देखने में आता है कि एक ही लक्षण  पर  कई औषधियां होती है। जहां पर चिकित्सक को काफी कठिनाई का सामना करना पडता है। कई केसो में यह भी नहीं पता चलता कि रोग किस अंग में है । इसलिए आज कल के आयुर्वेद और होम्योपैथिक चिकित्सक भी आधुनिक डायग्नोसिस, ब्लड टेस्टिंग, सिटी स्कैन, एम आर आई , एक्स-रे आदि का सहारा लेने लगे हैं। क्योंकि इसमें डायग्नोसिस काफी हद तक पक्की की जा सकती है ।

यहां विषय है इलेक्ट्रो होम्योपैथी का इलेक्ट्रो होम्योपैथी और आयुर्वेद दोनों की दवाएं  काम्प्लेक्स रूप में होती है और दोनों लगभग पूरे सिस्टम पर काम करती हैं । होम्योपैथी आयुर्वेद और इलेक्ट्रो होम्योपैथी से अलग सिद्धांत पर काम करती है वहां एक मेडिसिन का चुनाव करना पड़ता है और जब तक वह लक्षण समाप्त नहीं होता है तब तक वही मेडिसिन चलती है उनका मानना यह है की प्रमुख लक्षण समाप्त होने पर उसके दूसरे लक्षण भी समाप्त हो जाते हैं हमारा मानना है की होम्योपैथी के लिए तो रिपर्टरी कुछ हद तक ठीक थी क्योंकि उस समय कोई दूसरा साधन नहीं था डॉक्टर विलियम बोरिक ने होम्योपैथिक जगत को एक अमूल्य पुस्तक प्रदान की थी।

यह भी पढ़ें : इलेक्ट्रो होम्योपैथी सीक्रेट रिमेडी
यह भी पढ़ें : एन्ज़ाइम , जैव उत्प्रेरक या अभिषव
यह भी पढ़ें : औषधियां शरीर मे कैसे कार्य करती है

लेकिन आज के समय में जब मॉडर्न डायग्नोसिस सिस्टम मौजूद है तो रिपर्टरी की आवश्यकता नहीं है कुछ लोग रिपर्टरी की वकालत करते हैं मेरी समझ से वह गलत है क्योंकि इलेक्ट्रो होम्योपैथी में मेडिसिन काम्प्लेक्स रूप में होती है और रिपोर्टरी में किसी काम्प्लेक्स का चुनाव नहीं किया जाता है । वहां केवल सिंगल  मेडिसिन का चुनाव किया जाता है ।

उदाहरण के लिए सिर दर्द को लेते हैं यदि सुबह सूरज निकलने से पहले सिर दर्द होता है तो एक मेडिसिन का चुनाव किया जाता है यदि सूरज निकलने के बाद दर्द करता है तो दूसरी मेडिसिन का चुनाव किया जाता है यदि सूरज डूबने के बाद दर्द करता है तो तीसरी मेडिसिन का चुनाव किया जाता है । क्या इलेक्ट्रो होम्योपैथिक में ऐसी कोई मेडिसिंस है ??

यह भी पढ़ें : Work of Kidney
यह भी पढ़ें : 
EH treatment of Glaucoma

इसी तरह पेट दर्द मैं यदि सामने की ओर झुकने से दर्द में आराम मिलता है तो एक मेडिसिन का चुनाव होता है सीधे खड़े होने पर आराम मिलता है तो दूसरी मेडिसिन का चुनाव होता है यदि पीछे की ओर झुकने पर आराम मिलता है तो तीसरी मेडिसिन का चुनाव होता है यदि क्यों पेट को दबाकर आगे की ओर झुकने से आराम मिलता है तो चौथी मेडिसिन का चुनाव होता है क्या इलेक्ट्रो होम्योपैथी में ऐसी कोई मेडिसिन है??

यह भी पढ़ें : इलेक्ट्रो होम्योपैथी क्षेत्र डॉ अशोक जी का जीवन परिचय

इसी तरह दस्त की कई मेडिसिन है स्टूल वायु के साथ निकलता है तो एक दवा  है। स्टूल हरा होता है तो दूसरी दवा है, स्टूल लाल होता है, तो दूसरी दवा है, स्टूल के साथ में दर्द होता है तो दूसरी दवा है, स्टूल के साथ यदि म्यूकस आता है तो दूसरी दवा है। स्टूल टुकड़ों टुकड़ों में आता है तो दूसरी दवा है। पानी जैसा होता है तो दूसरी दवा है स्टूल चावल के धोवन जैसा होता है तो दूसरी दवा क्या इलेक्ट्रो होम्योपैथी में दस्त की इतनी दवाएं हैं ??

बुखार आए और चेहरा लाल हो जाए होम्योपैथी में इसके लिए एक दवा है लेकिन यदि प्यास अधिक लगे तो दूसरी दवा है । इसी तरह खाना अच्छा न लगे तो तीसरी दवा है  जाड़ा देकर बुखार है तो चौथी दवा है। बुखार में खाना बदबू करें तो पांचवी दवा क्या है लाखों होम्योपैथी में बुखार की इतनी दवाएं हैं??

यह भी पढ़ें : EH treatment of Bronchitis
यह भी पढ़ें : 
Electro Homeopathy treatment of 

यह तो हम कुछ रोगों के विषय में लिखा है अनेक रूप हैं जिनके लक्षण के आधार पर अनेकों औषधियां है लेकिन इलेक्ट्रो होम्योपैथी में तो मात्र कुछ ही औषधियां है यहां रिपर्टरी का कोई मतलब नहीं है प्रैक्टिस आफ मेडिसिन में जीतने साइन सिम्टम्स पढ़ाए जाते हैं एलोपैथी की तरह उसने ही काफी है ।

हमारे कुछ साथी कहते हैं इलेक्ट्रो होम्योपैथी लक्षणों को नहीं अंगों को ठीक करती है। दूसरी ओर लक्षणों को ठीक करने के बुक चाहते हैं यह कैसी विडंबना है ?? ऐसा नहीं होना चाहिए ।

जब किसी आर्गन में या सिस्टम में खराबी होती है तो उसके साइन सिम्टम्स जाहिर होते हैं यदि डायग्नोसिस नहीं हो पा रही है तो मॉडर्न डायग्नोसिस का सहारा लेना चाहिए इलेक्ट्रो होम्योपैथी में रिपर्टरी की कोई महत्त्व नहीं रखती है ।

Post a Comment

Please donot enter any spam link in the comment box.
Oops!
It seems there is something wrong with your internet connection. Please connect to the internet and start browsing again.
AdBlock Detected!
We have detected that you are using adblocking plugin in your browser.
The revenue we earn by the advertisements is used to manage this website, we request you to whitelist our website in your adblocking plugin.
Site is Blocked
Sorry! This site is not available in your country.