कोहोबेशन और फर्मेंटेशन की क्रिया में अंतर
कोहोबेशन और फर्मेंटेशन दोनों शब्द ऐसे हैं जिसमें अधिकांश इलेक्ट्रो होम्योपैथ कन्फ्यूजन में रहते हैं। 90% पुस्तको मे कोहोबेशन फर्मेंटेशन को ही लिखा गया है जिससे आम लोग फर्मेंटेशन को ही कोहोबेसन समझ लेते है । इसलिए कोहोबेशन और फर्मेंटेशन को अलग-अलग समझना आवश्यक है:---
फर्मेंटेशन
प्रक्रिया के अंतर्गत प्लांट को डिकम्पोज (Decompose) किया जाता है। जब प्लांट पूरी तरह डीकंपोज हो जाता है और लिक्विड कन्सन्ट्रेट हो जाता है तब उसे छानकर ठोस और द्रव को अलग-अलग कर देते हैं।
इस क्रिया के अंतर्गत प्लांट में फंगस व बैक्टीरिया पनप जाते हैं। जिसके कारण प्लांट से निकाले गए अर्क के औषधीय गुणों में अंतर आ जाता है। फलस्वरूप इस प्रकार से तैयार की गई औषधियां उच्च कोटि की नहीं होती है।
कोहोबेसन
क्रिया के अंतर्गत प्लांट से निकाले गए अर्क का एक प्रकार से शोधन किया जाता है जिसमें प्लांट एक्सट्रैक्ट में उपस्थित वे तत्व जो शरीर में न्यूनाधिक हानि पहुंचा सकते हैं। निकाल दिए जाते हैं और वही तत्व रहते हैं जो शरीर को हानि नहीं पहुंचाते ओवेशन की क्रिया सामान्यता 38 डिग्री सेंटीग्रेड के आसपास की जाती है। इसमें प्लांट के औषधीय गुण 100% प्रतिशत सुरक्षित रहते हैं । इस प्रकार से तैयार की गई हो औषधियां उच्च कोटि की होती है ।