औषधि निर्माण शाला के उपकरण
औषधि फार्मेसी में औषधियो को तैयार करने के लिए अनेक प्रकार के उपकरणों की आवश्यकता होती है जिसमें मुख्य निम्न प्रकार से हैं :-----
(1) तुला
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औषधि निर्माण शाला में छोटे बड़े तराजुओं की आवश्यकता पड़ती है क्योंकि बड़ी - छोटी अनेक चीजों को तौलने के लिए विभिन्न प्रकार के तराजुओ की आवश्यकता होती है । इसलिए वस्तु स्थिति के हिसाब से तराजू का चयन किया जाता है।
(2) थर्मामीटर
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विभिन्न प्रकार के तापों को नापने के लिए विभिन्न प्रकार के थर्मामीटर की आवश्यकता होती है कहीं अधिकतम ताप नापना है तो कहीं न्यूनतम ताप नापना है इसलिए कई प्रकार के थर्मामीटरो की आवश्यकता होती है। ताकि टेंपरेचर की सही रीडिंग ली जा सके।
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(3) हाइड्रोमीटर
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यह साधारण उपकरण होता है इसके द्वारा द्रव का घनत्व निकाला जाता है। इलेक्ट्रो होम्यो पैथिक औषधियां तैयार करने मे इसे कई स्थानो पर द्रव की सांध्रता ( घनत्व ) नापने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं:-----
(क) हैवी डेन्सिटी वाला
(ख) लाइट डेन्सिटी की वाला
हैवी डेन्टिस्टी वाला हाइड्रोमीटर गाढ़े द्रव का घनत्व निकालने के लिए प्रयोग किया जाता है तथा लाइट डेन्सिटी वाला हाइड्रोमीटर पतले द्रवों का घनत्व निकालने के लिए प्रयोग किया जाता है
(4) माइक्रोस्कोप
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इस यंत्र के द्वारा उन चीजों को देखा जाता है जो नंगी आंखों से नहीं दिखाई देती हैं इलेक्ट्रो होम्योपैथी फार्मेसी में बहुत स्थानों पर यह काम आता है।
अब यह कई प्रकार के आने लगे हैं अपनी सुविधा अनुसार यंत्रों का प्रयोग करना चाहिए ।
(5) मैजर क्लास
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यह दो नापने के लिए उपकरण होता है यह कई प्रकार के हो सकते हैं।
(6) ब्यूरेट
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एक लंबी कांच की नली होती है जिसमें मिली मीटर सेंटीमीटर के निशान बने होते हैं और नीचे नोब लगी होती है जिसके सहारे ड्रॉप निकालते हैं। अतः ड्रॉप नापने के काम में आता है। इलेक्ट्रो होम्योपैथी की फार्मेसी में यह कई स्थानों पर प्रयोग किया जाता है।
(7) फ्लास्क
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यह छोटे-बड़े कई प्रकार के होते हैं जिनको आवश्यकता अनुसार फार्मेसी में रखना पड़ता है। इनमें औषधियां अधिक दिनों तक खराब नहीं होती है सुरक्षित रहती है यह प्लस सुविधा अनुसार प्रयोग किए जाते हैं।
(8) आइसोलेटेड फनल
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हिंदी में से पृथककारी कीप कहते हैं इस कीप का काम होता है द्रव मे मिश्रित ठोस को बाहर निकालना।
(9) डिस्किट व गोलियां बनाने की मशीन
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डिस्किट व गोलियाँ बनाने की मशीन शक्ति चालित होती है फार्मेसी में उसकी भी आवश्यकता होती है इसकी सहायता से गोलियां व डिस्केट आसानी से तैयार की जा सकती हैं।
(10) बैरोमीटर
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कोहोबेशन करते समय वायुदाब का कैलकुलेशन करना पड़ता है इसलिए बैरोमीटर की आवश्यकता होती है आजकल मोबाइल में ही बैरोमीटर होता है उसी से कैलकुलेशन किया जा सकता है ।
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आप निर्माण शाला में इतने अधिक उपकरणों की आवश्यकता होती है कि वह समस्त उपकरणों को यहां पर वर्णित नहीं किया जा सकता है । सभी की अपनी-अपनी महत्ता होती है । एक आदर्श औषधि निर्माण शाला में उपरोक्त उपकरणों के अतिरिक्त टेस्ट, ट्यूब, बीकर, कंडेन्सर, छन्ने , ढक्कन सीलर , गत्ता सीलर स्प्रिट लैम्प , इन्क्यूबेटर आदि अनेक प्रमुख वस्तुएं होनी चाहिए ।
नोट:---
(1) आधुनिक युग में अधिकतर कार्य मशीनें करने लगी है जिनसे फार्मेसी में कार्य करने के उपकरणों में परिवर्तन हो गया।
(2) जहां पहले बोतलों में ढक्कन स्किल करने का कार्य मैनुअल होता था अब मशीनें करने लगी है इसी तरह लेवलिग और बैच नंबर भी मैनुअल की जगह मशीन से होने लगा है ।
(3) ग्रेडिंग चॉपिंग आदि का काम पहले मैनुअल किया जाता था लेकिन अब मशीनों द्वारा किया जाने लगा है ।