औषधि मूल (Drug) के औषधीय तत्व
औषधि मूल के अंतर्गत ड्रग्स (औषधि बनाने का कच्चा माल ) आते हैं जिनसे औषधियां तैयार की जाती है। यह ड्रग्स मुख्य रूप से दो तरीके की होते हैं:-----
(अ) प्राकृतिक (Neutral)
इसके अंतर्गत वनस्पति जगत के पेड़ पौधे आते हैं जिनसे औषधियां तैयार की जाती हैं इन्हें नेचुरल ड्रग (प्राकृतिक औषधि मूल) कहा जाता है। इसके अंतर्गत पेड़ पौधे मुख्य रूप से आते हैं
(ब) कृतिम (Artificial)
जब प्राकृतिक पेड़ पौधों से चूर्ण , रस, सत याअर्क को निकाल कर औषधि बनाने के लिए एकत्र किया जाता है । तो इससे कृतिम ड्रग (कृतिम औषधि मूल) कहा जाता है । कृतिम ड्रग को पुनः दो भागों में बांटा जा सकता है :----
(1) अनरिफाइन्ड (Unrefined) /क्रूड (Crude)
इसके अंतर्गत पेड़ पौधों के अर्थ आते हैं क्रूड फॉर्म में होते हैं जैसे मदर टिंचर और प्लांट एक्सट्रैक्ट( फर्मेंटेशन के बाद तैयार किया गया अर्क) इसमें रंग गंध और स्वाद मौजूद रहता है ।
औषधि मूल (Drug) के औषधीय तत्व |
(2) रिफाइन्ड (Refined)
कोहोवेशन के बाद तैयार स्पेजिरिक इसके अंतर्गत आती है जो पूर्णता रिफाइंड होती है इसमें रंग गंध स्वाद कुछ नहीं होता है । केवल औषधीय तत्व होते हैं ।
जल में घुलनशीलता के आधार पर औषधि मूल को पुनः दो भागों में बांटा जा सकता है:----
(1) जल में विलय तत्व
इसके अंतर्गत पौधे के वे तत्व तो आते हैं जो जल में पूरी तरीके से या आंशिक धुल जाते हैं। जैसे एंजाइम ,हार्मोन, विटामिंस,अम्ल स्टार्च ग्लूकोज, रंग, ऑयल ,गोद और कुछ एल्केलाइड लेटेक्स आदि।
(2) जल में अविलेय तत्व
इसके अंतर्गत पौधे के भी तत्व आते हैं जो जल में घुलते नहीं है। एल्केलाइड , लकडी, लाख आदि ।
एल्कोहल में घुलनशीलता के आधार पर तत्वों को दो भागों में पुनः बाट सकते हैं :----
(1) एल्कोहल में विलेय तत्व
इसमें भी तत्व आते हैं जो एल्कोहल में पूर्णता व आंशिक घुलन शील होते है। जैसे एन्जाइम ,हार्मोन, विटामिन ,एसेन्शियल आयल
(2) एल्कोहल में अविलेय तत्व
इस पर भी तत्व होते हैं जो एल्कोहल में अघुलंशील होते हैं।
नोट:----
(1) पौधे के जो तत्व जल में विलय हैं। वही इलेक्ट्रो होम्योपैथी में औषधि के रूप में काम आते हैं।
(2) जो तत्व 38 डिग्री सेंटीग्रेड पर भाप बनकर उड़ सकते हैं। वही तत्व इलेक्ट्रो होम्योपैथी में औषधि के रूप में काम आते हैं।
(3) रिफाइंड औषधि मूल ( Drug) इलेक्ट्रो होम्योपैथी में प्रयोग की जाती है।