इलेक्ट्रो होम्योपैथिक औषधियां ओड फोर्स, एन्जाइम्स या जैव एनर्जी है ?

इलेक्ट्रो होम्योपैथिक औषधियां ओड फोर्स, एन्जाइम्स या जैव एनर्जी है ?
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Are Electro Homeopathic Medicines Od Force, Enzymes or Bio Energy? - इलेक्ट्रो होम्योपैथिक औषधियां ओड फोर्स, एन्जाइम्स या जैव एनर्जी है ? 

इलेक्ट्रो होम्योपैथिक औषधियो के जैव रासायनिक घटक क्या है? यह  प्रश्न लोगों के सामने हैं । कुछ लोग  odd force, कुछ एंजाइम  कुछ जैव एनर्जी मानते  है। लोग सही निर्णय नहीं कर पा रहे है । आज हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे । इसके लिए हमें एन्जाइम्स व odd force व जैव एनर्जी के विषय में समझना पड़ेगा । सबसे पहले हम फोर्स समझते हैं यह क्या होती है?

ओडफोर्स

Od या Odd दोनों का अर्थ एक ही होता है।  इसका अर्थ अनोखा, अकेला ,अयुग्म , विचित्र  आदि अनेक  अर्थ होते है लेकिन सभी अर्थो का एक ही मतलब होता है "ईश्वर" अर्थात वह सत्ता जिसका कोई जोड़ा नहीं है जो अकेला है अनोखा है और उसी से संपूर्ण सृष्टि चलती है। यही उसकी विचित्रता है। 

Odd के आगे force  शब्द जोड़ दिया गया है। इसका अर्थ है उस परमात्मा की शक्ति ।

बिना इस शक्ति के संसार में कोई भी चीज अपना अस्तित्व बनाकर नहीं रह सकती है। पौधों में इस  शक्ति को जीवनी शक्ति कहा गया है। यह वह शक्ति है  जिससे पौधे जीवित रहते हैं। आमतौर पर लोग यह समझते हैं पौधों में जो खनिज पदार्थ विटामिंस एंजाइम्स हारमोंस आदि अनेक चीजें होती है जिनसे पौधे जीवित रहते हैं लेकिन इन सब के पीछे उसी परमात्मा (ओड फोर्स) का ही हाथ होता है। तभी यह चीजे पौधों में बनती हैं । और पौधे संसार में जीवित रहते हैं। वैसे आज तक इस शक्ति को किसी ने नहीं देखा है क्योंकि शक्ति कभी दिखाई नहीं देती है। शक्ति का केवल अनुभव किया जाता है।

जब हम किसी पौधे को औषधि बनाने के लिए डिस्टिल वाटर में डालते हैं। तो पौधे के अंदर का घोल डिस्टिल वाटर की अपेक्षा गाढ़ा होता है जिसके कारण डिस्टिल वाटर उसके अंदर जाता है और उसके अंदर का पदार्थ बाहर निकलता है। और यह कार्य तब तक होता रहता है। जब तक दोनों धोलो में एक जैसी समानता नहीं हो जाती है। इस तरीके से पौधे के अंदर के तत्व खनिज, विटामिनस, एंजाइम, हार्मोन रेजिन आदि डिस्टिल वाटर के अंदर आ जाती है  अर्थात जिन से पौधे अपना जीवन चलाते थे वे तत्व बाहर आ जाते है। इसी घोल को  हम जीवनी शक्ति (Vital force) ,या Odd force, जौहर आदि अनेक नामों से पुकारते हैं।

आयुर्वेदिक, यूनानी ,एलोपैथी , होम्योपैथी, की दवाओं में इसी आदि शक्ति का प्रयोग किया जाता है और इसी शक्ति के कारण औषधियां काम करती हैं।

अब बात आती है कि इलेक्ट्रो होम्योपैथिक औषधियों में क्या होता है? इसके जाने से पहले हम एंजाइम्स हार्मोन्स और विटामिंस व जैव एनर्जी के विषय में थोड़ा अध्ययन कर लेते हैं।

विटामिन हार्मोन व एन्जाइम्स

यह ऐसे तत्व हैं जो वनस्पतियों में और हमारे शरीर दोनों के अंदर बहुत सूक्ष्म मात्रा में होते हैं। और शरीर में इसकी बहुत कम आवश्यकता होती लेकिन इनकी सूक्ष्म  मात्रा ही बहुत बड़ा काम कर देती है। यदि यह शरीर में असंतुलित हो जाए तो शरीर स्वस्थ नहीं रहता चाहे  जंतु शरीर हो या वनस्पति शरीर हो।

जब इलेक्ट्रो होम्योपैथिक औषधियां कोहोबेशन द्वारा तैयार की जाती हैं। तो उसमें बहुत सारे तत्व औषधि में नहीं जा पाते है। केवल कुछ ही तत्व उस में जा पाते हैं। जिनकी अभी तक कोई वैज्ञानिक जांच नहीं की गई है (1890 ई0 में सफेद ,हरी और लाल इलेक्ट्रिक सिटी की केवल जांच हुई थी ) । केवल ISO जर्मन द्वारा प्रकाशित एक बुक में यह लिखा गया है "कि इलेक्ट्रो होम्योपैथिक औषधियां एंजाइम विटामिन हार्मोन के करीब हैं"। वर्तमान में  हमारी फर्म द्वारा  तैयार की गई औषधियों के गुण स्वभाव से भी ऐसा ही प्रतीत होता है। कि औषधियां एंजाइम हार्मोन विटामिंस या तो है, या उनके करीब है। 

इस प्रकार हम देखते हैं इलेक्ट्रो होम्यो पैथिक औषधियों में विटामिन एंजाइम हार्मोन जैसा ही कुछ होता है अर्थात वह तत्व होता हैं जो कोहोबेशन द्वारा फिल्टर होकर स्पेजिरिक में आता हैं लेकिन इलेक्ट्रो होम्योपैथिक औषधियों में जो तत्व होता है वह आदि शक्ति (odd force में मौजूद रहता है।

इस प्रकार हम यह कह सकते हैं इलेक्ट्रो होम्योपैथिक औषधियों में आदिशक्ति मौजूद रहती है। दूसरे शब्दों में हम यह भी कह सकते हैं कि इलेक्ट्रो होम्योपैथिक औषधियों में एन्जाइम हार्मोन विटामिन जैसा कोई तत्व होता है जो औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है।

(1) पौधों की odd force (अर्क) को प्रयोगशाला में टेस्ट किया जा सकता है और उसके घटक मालूम किए जा सकते हैं और किये भी गए हैं । अलग-अलग पौधों की ओडफोर्स के घटक अलग-अलग होते हैं।

(2) पौधे अपने जीवन को चलाने के लिए विभिन्न प्रकार की क्रियाएं करते हैं और उनसे एक प्रकार की ऊर्जा तैयार करते हैं। इसी ऊर्जा को जैव एनर्जी कहते हैं। इसी ऊर्जा को हम औषधि के रूप में प्रयोग करते हैं। आज तक किसी ने एनर्जी को  नहीं देखा है। इसलिए जैव एनर्जी को भी देखा नहीं जा सकता है । केवल उसके गुणों को आभास किया जा सकता है। इसी तरीके से परमात्मा की शक्ति (Odd force) को कभी देखा नहीं गया है । उसकी शक्ति को आभास किया गया है।

अतः औषधियों के अंदर परमात्मा शक्ति या जैविक शक्ति होती है जिसका हम औषधि के रूप में लाभ उठाते हैं एंजाइम विटामिन हार्मोन आदि इन्हीं शक्तियों के निर्माण का एक भाग है। जिनका परीक्षण किया जा सकता है ।

(3) कोहोबेशन  द्वारा तैयार स्पैजेरिक की जांच अभी तक प्रयोगशाला में (अधिकारिक रूप से) नहीं की गई है । इसलिए उसके घटकों के विषय में 100 प्रतिशत कुछ नहीं कहा जा सकता है। केवल लिटरेचर और प्रयोग के आधार पर यह कहा जा सकता है कि इलेक्ट्रो होम्योपैथिक औषधियों में एंजाइम हार्मोन और विटामिंस होते हैं।

अतः संक्षेप में हम कह सकते हैं कि ओड फोर्स , एंजाइम्स, विटामिन हार्मोन सभी जैव एनर्जी हैं । और औषधियों में हम जैव एनर्जी ही होती है। लेकिन इसका परीक्षण न होने के कारण हम औषधियों में एंजाइम विटामिन हार्मोन को ही मानते हैं क्योंकि इनका परीक्षण लैबोरेट्री में हो सकता है ।

1 comment

  1. अच्छी जानकारी मिली
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